कभी-कभी मन में भावनाओं का सैलाब उमड़ने के कई कारण हो सकते हैं परंतु इसका मुख्य कारण है हमारी भावनाओं को दूसरों के साथ साझा ना कर जिस वजह से हमारे मन में कई सारी भावनाओं का एक-एक डेल्टा हो जाता है उसके पश्चात परिणाम स्वरूप हमें डिप्रेशन और एंजाइटी का सामना करना पड़ता है कि हमारे स्वास्थ्य पर भी काफी असर डालती है और यदि हम अपनी भावनाओं को दूसरे के साथ साझा करते हैं तब हमें कुछ हल्का पन महसूस होता है और हमारे मन को भी काफी अच्छा महसूस होता है
शराफत वाले कभी कभी मरने वालों का सैलाब क्यों आने लगता है कि हां कभी-कभी होता है कि हम दूर होते हैं और समझने वाला कोई और नहीं हम जो भी भाई का अर्थ होता है या फिर जो मैसेज कर रहे थे नहीं उसको रहने वाला कोई होता है तो उस वक्त जब कोई हमारे सामने आता है जब कोई वह बातें पता है जब कोई अपना आता है तब हमारे मन में बहुत ही फीलिंग आती है और भावनाएं आने लगते हैं बहुत दिनों के बाद अपनी मम्मी के न्यू तेजाजी के अनुसार मेरी आंख में आंसू आ जाए क्योंकि एक रास्ते में घर पर जाऊंगी क्योंकि मेरे मन में जो है जो भी दुख रहे थे किसी के मन की बात करें तो वह कहने के लिए कोई ना कोई होना चाहिए तो उसको हम ना जुदा ई कहते हैं या फिर नहीं कहने का मन करता है तो जब हमारे सामने हमारे मम्मी पापा आते हैं तो हम लोग बातें करते हैं या फिर और कहने का मन करता है तो उस समय हमारी आंख में आंसू भी आते हैं आप बताओ ना यार तू भी होते हैं किसी के होते हैं आज मम्मी पापा से मिल पाए