अगर दोस्तों आपका प्रश्न है प्रकाश किसे कहते हैं और प्रकाश की खोज किसने की थी और प्रकाश की चाल क्या है तू तो तू प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जिसकी सहायता से हमें वस्तु दिखाई देती है अर्थात जो विकिरण हमारी आंख को संबोधित संबोधित करती है वह प्रकाश कहलाती है दोस्तों विद्युत चुंबकीय विकिरण के स्पेक्ट्रम का वह भाग जो मनुष्य की आंख पर दृष्टि संवेदना उत्पन्न करता है वह प्रकाश कहलाता है और दोस्तों विद्युत प्रकाश अट्ठारह सौ में एक अंग्रेजी वैज्ञानिक हमारी देवी द्वारा किया गया था उसने बिजली के साथ प्रयोग किया और बिजली की बैटरी का आविष्कार किया था और दोस्तों से प्रकाश की चाल होती है वह विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल होती है दोस्तों यदि हवा में प्रकाश की गति के बारे में जाने दो प्रति सेकंड लगभग 300000 किलोमीटर की यात्रा करता है जिसमें एक पल जीरो का अपवर्तक सूचकांक होता है लेकिन यह पानी में प्रति सेकंड दो सौ पच्चीस हजार किलोमीटर और क्लास में प्रति सेकंड 250 200000 किलोमीटर तक बीमा हो जाता है धन्यवाद
Agar doston aapaka prashn hai prakaash kise kahate hain aur prakaash kee khoj kisane kee thee aur prakaash kee chaal kya hai too to too prakaash ek prakaar kee oorja hai jisakee sahaayata se hamen vastu dikhaee detee hai arthaat jo vikiran hamaaree aankh ko sambodhit sambodhit karatee hai vah prakaash kahalaatee hai doston vidyut chumbakeey vikiran ke spektram ka vah bhaag jo manushy kee aankh par drshti sanvedana utpann karata hai vah prakaash kahalaata hai aur doston vidyut prakaash atthaarah sau mein ek angrejee vaigyaanik hamaaree devee dvaara kiya gaya tha usane bijalee ke saath prayog kiya aur bijalee kee baitaree ka aavishkaar kiya tha aur doston se prakaash kee chaal hotee hai vah vibhinn maadhyamon mein prakaash kee chaal hotee hai doston yadi hava mein prakaash kee gati ke baare mein jaane do prati sekand lagabhag 300000 kilomeetar kee yaatra karata hai jisamen ek pal jeero ka apavartak soochakaank hota hai lekin yah paanee mein prati sekand do sau pachchees hajaar kilomeetar aur klaas mein prati sekand 250 200000 kilomeetar tak beema ho jaata hai dhanyavaad
नहीं प्रकाश किसे कहते हैं और इसकी खोज किसने की थी प्रकाश की चाल क्या है तू दिखे फ्रेंड जो प्रकाश से एक प्रकार की ऊर्जा है और इसका सबसे बड़ा झूठ है प्रकाश का उस सूर्य है वहीं पे बात करें तो बीती चरण विद्युत चुंबकीय तरंग होती के रूप में यह संचालित होता है जो प्रकाश होता है प्रकाश में प्रकाश की तरंग है होती है होती है 39100 हिंदुस्तान से लेकर 78 साल तक होती है किसी भी माध्यम में प्रकाश की चाल होती है माध्यम के अपवर्तनांक पर डिपेंड करता है प्रकाश की जो खोज की गई थी अंग्रेजी वैज्ञानिक के द्वारा हम भी टीवी ने किया था और प्रकाश की जो चाल है एक भौतिक नियतांक है निर्वात में अगर देखी जाए तो इससे ठीक है कि 300000 किलो मीटर पर सेकंड के हिसाब से होती है
Nahin prakaash kise kahate hain aur isakee khoj kisane kee thee prakaash kee chaal kya hai too dikhe phrend jo prakaash se ek prakaar kee oorja hai aur isaka sabase bada jhooth hai prakaash ka us soory hai vaheen pe baat karen to beetee charan vidyut chumbakeey tarang hotee ke roop mein yah sanchaalit hota hai jo prakaash hota hai prakaash mein prakaash kee tarang hai hotee hai hotee hai 39100 hindustaan se lekar 78 saal tak hotee hai kisee bhee maadhyam mein prakaash kee chaal hotee hai maadhyam ke apavartanaank par dipend karata hai prakaash kee jo khoj kee gaee thee angrejee vaigyaanik ke dvaara ham bhee teevee ne kiya tha aur prakaash kee jo chaal hai ek bhautik niyataank hai nirvaat mein agar dekhee jae to isase theek hai ki 300000 kilo meetar par sekand ke hisaab se hotee hai
नहीं प्रकाश किसे कहते हैं और इसकी खोज किसने की थी प्रकाश की चाल क्या है तू दिखे फ्रेंड जो प्रकाश से एक प्रकार की ऊर्जा है और इसका सबसे बड़ा झूठ है प्रकाश का उस सूर्य है वहीं पे बात करें तो बीती चरण विद्युत चुंबकीय तरंग होती के रूप में यह संचालित होता है जो प्रकाश होता है प्रकाश में प्रकाश की तरंग है होती है होती है 39100 हिंदुस्तान से लेकर 78 साल तक होती है किसी भी माध्यम में प्रकाश की चाल होती है माध्यम के अपवर्तनांक पर डिपेंड करता है प्रकाश की जो खोज की गई थी अंग्रेजी वैज्ञानिक के द्वारा हम भी टीवी ने किया था और प्रकाश की जो चाल है एक भौतिक नियतांक है निर्वात में अगर देखी जाए तो इससे ठीक है कि 300000 किलो मीटर पर सेकंड के हिसाब से होती है
Nahin prakaash kise kahate hain aur isakee khoj kisane kee thee prakaash kee chaal kya hai too dikhe phrend jo prakaash se ek prakaar kee oorja hai aur isaka sabase bada jhooth hai prakaash ka us soory hai vaheen pe baat karen to beetee charan vidyut chumbakeey tarang hotee ke roop mein yah sanchaalit hota hai jo prakaash hota hai prakaash mein prakaash kee tarang hai hotee hai hotee hai 39100 hindustaan se lekar 78 saal tak hotee hai kisee bhee maadhyam mein prakaash kee chaal hotee hai maadhyam ke apavartanaank par dipend karata hai prakaash kee jo khoj kee gaee thee angrejee vaigyaanik ke dvaara ham bhee teevee ne kiya tha aur prakaash kee jo chaal hai ek bhautik niyataank hai nirvaat mein agar dekhee jae to isase theek hai ki 300000 kilo meetar par sekand ke hisaab se hotee hai
अपने साथ के साथ किसे कहते हैं 50 दिन उस दिन प्रतिदिन लग रहा है तुझे प्रकाश करते हैं अधिकारी कदाचित यकीन नहीं आता तो फिर माध्यम संसाधन की पहचान क्या किसी व्यक्ति की पहचान या उसको एक कदम और उसको खाने के मानचित्र में टूटते समय के साथ पूर्णिमा के दिन में तो सबके पास होता है लेकिन जो प्रकाश माली देने प्रतिष्ठित ओम प्रकाश भाटी के संसाधनों से जुलाई के अंत किस प्रकार के खनिज मंत्री प्रकाश के विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिकों ने इसकी को सपोर्ट करते करते बल्कि हेडफोन जैक सीमा वैज्ञानिकों ने दिया तलाक दीक्षित हम आपको
नमस्कार प्रकाश प्रकाश दृष्ट किंतु हमारी आंखों को किसी वस्तु को देखने की अनुभूति प्रदान करती है अनुभूति प्रदान करती है उसे हम लोग का स्त्रीलिंग लिखित विशेषताएं पाई जाती है जैसे प्रकार की घटनाएं संभव प्रकाश नहीं रहती है तो परिवर्तन और आप प्रवर्तन की घटना है जो होती है यह संभव नहीं हो सकती थी सर का प्रकाश विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्पन्न करती है प्रकाश की चाल क्या होती है फिर इसे प्रकाश में ही रुलाता है लिखित प्रकाश के चलने के पद को हम लोग किरण करते हैं इससे लाइट से प्रकाश पुंज किरण जी बीच में आता है यह क्या होता है यह भी हम आपको बता दें चले जाए प्रकाश को प्रकाश दूसरे शब्दों में कहा जाता है तो लोग कहते हैं कि समूह को भी प्रकाश पुंज या किरण को कहा जाता है जो समूह होता है उसको भी प्रकाश पूनिया किरण फूल कहा जाता है प्रकाश कितने प्रकार के होते हैं तो सर का होता है अभी सारे किरण पुंज और टीचर का होता है अब सारीफ्लो समांतर किरण पुंज किया है जिसे हुआ प्रकाश पुलिस की सभी कीड़े समाप्त होती है उसे समांतर प्रकाश पुंज का समांतर होती है तू जिस प्रकाश पुंज किस तरीके रोड पर मिलती है जिस प्रकार की जो होती है एक बिंदु पर मिलती है उसे हम आधारित होते अभिसरण प्रकाश प्रकाश आगे की तरफ फैल जाती है मान लीजिए कि जिस प्रकार की सभी के एक बिंदु पर मिल गई लेकिन पूछ होती है कि जो आगे की तरफ से धर्म आगे निकल जाती है जाती तो उसे हम भी 8 तारीख को झुकाते हैं अब क्या होता है मलिक साहब बतला देंगे आपको आकर्षित होते हैं जिसे प्रकाश जो होता है ना जो लाइट होती है ना वह आर पार कर देता है अपारदर्शी पदार्थ क्या होता है इसके प्रकार परदेसी पदार्थ है जो पीछे की तरफ आता है जो पदार्थ होता है वह क्या होता है जिससे प्रकाश का कुछ बाहर निकलता है और फिर प्रकाश पूर्ण रूप से बाहर निकलता हूं उसे हम लोग प्रदर्शित जैसे ही साहू आकाश तेल लगा कागज दूध पिया जो होता है यह प्रभाती पदार्थ के अंतर्गत आते और अद्वितीय आत्मवृत्त वस्तुएं क्या होती है लेकिन करती है जी ने किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है उसे हम लोग आदित्य और तुम प्रदीप वस्तु के नाम से जाना जाता है जैसे सूर्य तारे जलती हुई मोमबत्ती इत्यादि उपस्थित स्वयं प्रकाश प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं जिसे किसी माध्यम की आवश्यकता होती है उसे प्रदीप वस्तुओं का लक्ष्य
हाय फ्रेंड्स क्वेश्चन पूछा गया कि प्रकाश किसे कहते हैं प्रकाश की खोज किसने की और प्रकाश की चाल क्या होती है तो फिर आप हम सभी जानते हैं कि जो हमारी आंखों को जो हमें किसी वस्तु को देखने का ज्वाइन माध्यम बनता है और प्रकाश का लगता है इनकी प्रकाश उस माध्यम को कहा जाता है जिससे हम अपनी इस सृष्टि को जो हैं अपनी आंखों यानी की नग्न आंखों से देखते हैं अगर हम प्रकाश की चाल की बात करें तो प्रकाश की चाल कौन सी सदी में उठकर ज्योति प्रकाश जी नेताम होता है और इसका में लगभग 300000 किलो मीटर पर सेकंड के करीब करीब होता है
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रकाश किसे कहते हैं और उनकी खोज किसने की थी का प्रकाश की चाल क्या है फ्रेंड से प्रकाशित विद्युत चुंबकीय विकिरण है जिसकी तरंग दृश्य दृश्य सीमा के भीतर होती है तकनीकी या वैज्ञानिक संदर्भ में मिली तरंग धैर्य की किरण को प्रकाश कहा जाता है और लाइट भी कहा जाता है प्रकाश को हम लाइट भी कहते हैं धन्यवाद