नमस्कार दोस्तों आपका बड़प्पन है मनुष्य सम्मान और पहचान का भूखा क्यों होता है दोस्तों वास्तव में मुंह से सम्मान का भूखा होता है वह पहचान का भी भूखा होता है दोस्तों हर किसी को सम्मान चाहिए होता है यानी कि उनका उनको सम्मान मिले उनको उनका हर कोई आदर करें क्योंकि दोस्तों यह उनकी स्वार्थ भावना ही कही जा सकती है सम्मान पाना स्वार्थ भावना भी होती है और उसका कर्तव्य भी होता है सम्मान व्यक्ति को पाना भी चाहिए दोस्तों हम अच्छे कर्म करेंगे और व्यवहार अच्छा रखेंगे अच्छा हमारा काम करेंगे तो हमें क्यों नहीं मिलेगा सम्मान जरूर मिलेगा और पहचान का भी भूखा होता है पहचान दोस्तों इसलिए क्योंकि को जिस क्षेत्र में रहता है तो उस क्षेत्र में उनके हमउम्र भी होते हैं और हम उम्र में एक कंपटीशन भी होता है कि कौन सा अच्छा काम कर रहा है किसका घर सबसे अच्छा चल रहा है किसके पास कितनी सैलरी आती है तो दोस्तों वह यह समझता है कि इन सब जो कि मेरे प्रतिभागी है जिस कंपटीशन में वह लगा है तो घर की घर का कोई व्यवसाय हो या फिर कोई नौकरी हो कैसा भी हो तो वो सोचेगा कि हमें इन से आगे निकलना है ताकि समाज में हमारा अच्छा नाम हो उसको पहचान बनाने के लिए और उनसे होडा होडी में उसकी सूरत में ही बस वो पहचान बनाने की होड़ में लगा रहता है कि बस उनसे कैसे भी हो एक परसेंट ही आगे हो लेकिन उनसे आगे निकल जाए बस वही पहचान उनको फिर मान सम्मान पाने की लालसा करवाती है और उनको आगे बढ़ने की इच्छा उसके मन में पैदा करवा देती है तू दोस्तों जो सम्मान की इच्छा होती है और जो पहचान बनाने की जो इच्छा होती है वह केवल और केवल एक मनुष्य की सवार भावना ही कही जा सकती है अपनी स्वार्थ की भावना है अपनी अच्छाइयों को दूर-दूर तक फैलाना है या अपने काम को अपने व्यवसाय को दूर-दूर तक फैला नाही फैलाने का माध्यम है उनकी पहचान बनाने का हो जाता है कि वह चाहते हैं कि हम अपनी पहचान बना लेंगे तो हमें लोग जानेंगे और हमें जानेंगे तो हमारे काम को भी जानेंगे और हमारे काम को जानेंगे तो हमें हमने भी होगी और साथ-साथ में हमें सम्मान मान सम्मान भी मिलेगा तो यह एक दूसरे की पूरक बातें हैं इसलिए वैसा चाहते हैं
गर्लफ्रेंड नमस्कार जैसा कि आपका प्रश्न है मनुष्य सम्मान और पहचान का बुखार क्यों होता है मनुष्य की पहचान हो जैसे कि एक लाइफ होती है फ्रेंड कि हमारे मां-बाप के द्वारा उसे प्रदान की जाती है तो हम उस नाम से जाने जाते हैं उनके नाम से जाने जाते हैं कि यानी कि फलां व्यक्ति का बेटा है फिर फला व्यक्ति की बेटी है लेकिन चीज है वह हम बड़े होते हैं थोड़ा सा जॉब करते हैं अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं तो जिस स्कूल में हम होते हैं उस स्कूल के नाम से जाने जाते हैं मान लीजिए कोई इंजीनियर की पोस्ट पर है तो वह होता है कि फलां व्यक्ति जो है वह इंजीनियर है वह अपने पति के नाम से जाना जाता है उसकी एक पहचान होती है हालांकि वह तभी इस नाम से जाना जाता है कि वह फला बेटी का बेटा है लेकिन तब उसकी एक अलग पहचान बन जाती है उसकी एक साफ हो जाती है कि वह इंजीनियर है कोई व्यक्ति बैंक में कार्य कर रहे थे तो उसकी एक पहचान बन जाती कि यह व्यक्ति बैंक में मैनेजर की पोस्ट पर है या फिर बैंक में कैसी है रहता तो ऐसे ऐसे जब कोई चीज हमें मिल जाती तो हमारा एक पहचान बन जाता है और वह पहचान नष्ट ना हो फ्रेंड ऐसे कम कमी कहीं जा रहे हैं हमारे पहचान के नाम से फर्जी अरे कैसी है साहब आइए अरे मैं भाई साहब आइए तो फ्रेंड है जो होता है यह सब बातें बहुत अच्छी होती हैं अपनी पहचान के नाम से जब इंसान जाना जाता है तो वह हमेशा चाहता कि मेरी यह लायबिलिटी जो है वह बनी रहे सभी बिगड़े ना हमेशा मान-सम्मान की प्राप्ति होती रहती माली जी हम कहीं जाते हैं कि मेरा कोई नाम नहीं है कुछ भी नहीं है फ्रेंड तो हम मारे जाएंगे साला व्यक्ति का बेटा है लेकिन वही चीज जो है अगर हम कुछ है आते हैं किसी पोस्ट पर है फ्रेंड तुझे से क्यों नहीं बताया कि बैंक में अगर है क्या तू बैंक मैनेजर पोस्ट पर कैसी है तो कैसे साफ करके बुखार आ जाएगा फ्रेंड तू फूल छाप होती है वह जुदा होता है उसकी एक अलग पहलू होती है उसका एक अलग ही जो है पहचान होती है और यह कोई इंसान खोना नहीं चाहता इसलिए जो है मनुष्य सम्मान और पहचान का भूखा रहता है फ्रेंड एक पहचान मिल जाती है इस 10 लोग खड़े हैं तो उसमें आपकी एक अलग ही पहचान होती है कि फला व्यक्ति जो है इस पोस्ट पर है तो उसकी घर में जो होती है वह अलग ही होती है फ्रेंड और जिसकी 11t बन जाती है वह कभी खोना नहीं चाहता यानी कि वह अपने नाम से परिचित होता है फ्रेंड किसी के नाम का मोहताज नहीं होता आशा है कि आप सभी को यह जवाब पसंद आया होगा शुक्रिया
हेलो दोस्तों मेरा नाम है योगेंद्र सिंह और सवाल पूछा गया है कि मनुष्य सम्मान और पहचान कब होगा क्यों रहता है देखिए ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंसान में एक चीज होती है जिसे अहंकार कहां गया और अहंकार को यह पसंद है कि उसकी अलग पहचान हो सारा समाज उसका सम्मान करें और इसी कारण दुनिया में इतने अपराध भी बढ़ते चले जा रहे हैं क्योंकि इंसान खुद की नजरों में सम्मान नहीं पाता या उसे ऐसा लगता है कि उसने कुछ ऐसा नहीं किया है जिससे वह सम्मान के लायक है इसलिए वह हमेशा ऐसे काम करने की कोशिश करता है कि दूसरे लोगों से सम्मान दें दूसरे लोगों की नजरों में उसकी पहचान बनी सोचिए अगर जिस इंसान को खुद की नजरों में खुद के लिए सम्मान वह दूसरों से सम्मान की आशा क्यों करेगा ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह इंसान अपने हैं कार्गो सेटिस्फाई करना चाहता है और एहसास के मन के कारण होता है अध्यात्म में इसी बात का जिक्र बार-बार किया गया है कि इंसान के अहंकार ही है जो उसे ऐसे काम करवाता है लोगों को अच्छा लगता है कि उनकी अलग पहचान हो दूसरों की नजरों में वो अच्छे बने क्योंकि हमारे नजरों में ऐसा होता है कि जो दूसरे हमें मानते हैं हम उसी को ही ज्यादा अहमियत देते हैं इसलिए हम चाहते हैं कि हमारी अलग पहचान हो हमें लोग पहचाने हमारे सम्मान करें लेकिन जो इंसान खुद के सम्मान से संतुष्ट हैं जिसे पता है कि वह बहुत अच्छा चल रहा है वह खुद को सम्मान देता है उसे दूसरों की नजरों में सम्मान पाने से कोई मतलब नहीं है इसलिए उसे सेटिस्फेक्शन कहा जाता है संतोष कहा जाता है और आज के समय में सेटिस्फेक्शन बहुत कम लोगों को होता है वह भी खुद से वह चाहता है कि जो भी उसने हासिल करें उससे ज्यादा किया लोग तालियां बजाते हैं लोग तारीफ करते हैं तो उसे और ज्यादा तारीफें बटोरने की आदत लग जाती है इसलिए शहर में होकर के जीवन जीने वाला व्यक्ति कभी इन चीजों में नहीं पड़ता कि सारी दुनिया उसका सम्मान करें या उसे कोई बड़ी सत्ता हासिल हो जाए यह सभी उन्हीं लोगों के काम होते हैं जिनमें अहंकार होता है और आज के समय में जो इंसान उड़ते आध्यात्मिक मार्ग पर नहीं चल रहा है उन सभी में ऐसी चीजें देखने को मिलती है चाहे फिर कोई भी इंसान हो इन सब से बचने के लिए इंसान को चाहिए कि वह अध्यात्म की तरफ ध्यान दें अहंकार क्या है मन क्या है और उसके दिमाग में आने वाले सारे विचारों में से कौन से विचार काम के हैं तुम विचार से उसका फायदा होने वाला है और किन विचारों से उसका नुकसान होने वाला है उसे उस तरफ ध्यान देना चाहिए बहुत-बहुत धन्यवाद
बीके मनुष्य सलमान और पहचान का भूखा क्यों होता है हम काम कर रहे हैं तो हमको चाहत ऋतिक मोटिवेशन की रहती है सेल्फ मोटिवेशन कि हमको कोई पोस्ट करें जो हमारे काम से कर रहे हो सही है सही हो समाज के लिए वह सही हो और लोगों के लिए लाभप्रद हो दिल्ली हम कहीं ना कहीं सलमान को ढूंढते हैं कि इतनी सलमान की अगर हम जो काम कर रहे हैं लोग उसका प्रश्न सेट कर रहे तो हां हम आगे काम उस काम को आगे बढ़ाएं तू दिल्ली एक मनुष्य सलमान की और पहचान की भूखा रहता है पहचान अगर हम कोई काम कर रहे हैं और उस समय हम को पहचान नहीं मिलेगा उसमें हमको वही काम के लिए एक गैर एस्पेक्ट्रो दर्जा नहीं मिलेगा तो हम वो काम करना चाहेंगे हां तो हां तो इसी दिन मनुष्य का सलमान और पहचान जरूरत होता है
नमस्ते जी क्या पैसा वाले के मुसलमान और पहचान का भूखा क्यों होता है देखिए सामान और पहचान का आदमी को तो भूखा होना ही चाहिए बहुत सारे आदमी को लाइफ में मनी चाहिए पैसे की पैसे चाहिए उनको सम्मान नहीं चाहिए लेकिन मेरे ख्याल से हर आदमी को सम्मान और पहचान का भूखा होना चाहिए क्योंकि आप लाइफ में बहुत पैसा कमा तो करोड़ों अरबों लेकिन अगर आपको प्यार करने वाला कोई नहीं है आपको कोई आपका कोई अपना नहीं है जिससे अपना सुख दुख बांट सके तो आपके पास है क्या भी नहीं लेकर तो नहीं जाओगे पैसा लेकिन अंतिम समय में अगर आपको सम्मान मिला हुआ रहेगा प्यार मिला हुआ रहेगा आप लाइफ से सेटिस्फाइड होकर जाओगे कि मैंने ऐसा काम किया जो लोग मुझे अंतिम समय तक प्यार करते हैं तो यह प्यार की जो फीलिंग होती है ना वह अंतिम समय तक रहती है दिल में पर जाने के बाद भी आदमी 50 साल 100 साल 200 साल तक याद करते हैं यह प्यार ही ऐसा चीज है जिसको आदमी याद करते हैं बाकी जिंदगी में लाइफ में वर्ल्ड में करोड़ों अरबपति आए हैं और गए हैं लेकिन जो समाज के लिए कुछ करते हैं प्यार देते हैं समाज को याद किया जाता है चाप सुभाष चंद्र बोस जी को देख लिए चाय भगत सिंह को देख लीजिए भगत सिंह ने पैसे बहुत ज्यादा कमाई नहीं थे लेकिन प्यार दिया था देश को तुम को सम्मान मिला थैंक्यू अच्छा लगे तो सब्सक्राइब करें लाइक करें
मनुष्य समाज और सम्मान और कथाएं का भूखा इसलिए होता है कि वह इसलिए भूखा होता है कि वह अपना नाम आगे बढ़ाना चाहता है और वह यह साबित करना चाहता कि माही सबसे बड़ा ही सब कुछ कर सकता हूं मैं अपनी पहचान बना सकता हूं और सब मेरे नीचे ही रहे और मुझे भी ज्यादा नहीं समझे
नमस्कार दोस्तों प्रश्न है कि मनुष्य सम्मान और पहचान का भूखा क्यों होता है तो दोस्तों बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो सम्मान और पहचान के भूखे नहीं होते हैं वह जैसी दुनिया चल रही हो तो दुनिया चल रहे होते हैं लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग हैं कुछ उनकी राशि भी ऐसी प्रेरणा देती है जैसे कि आप मेष राशि वालों को देखेंगे उनमें जन्म से ही एक नेता के या नेतृत्व करने के गुण होते हैं तो वह चाहता है कि मेरी पहचान वैसी अन्य राशियां भी है बहुत सारी और जब आप देखेंगे कि बड़े-बड़े ऋषि मुनि देवी देवता और राक्षसों ने भी आराधना की तो उत्सव प्रसन्न होकर वरदान दे देते थे तो ऐसे ही मनुष्य हैं मनुष्य की कोई आराधना करता है तो सम्मान देता है तो वह निश्चित रूप से वह एक कोई चीज देने लायक हो जाता या किसी का आप हेल्प सहायता चाहते हैं या किसी की स्तुति कर रहे हैं तो निश्चित रूप से होता है और बहुत सारे लोगों में ऐसा होता है कि सम्मान पहचान मिले क्योंकि वह लोगों से अलग दिखना चाहता है कई लोग ऐसे कार्य करते हैं और पहचान चाहते हैं लेकिन बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो बहुत बड़ा काम कर देते हैं पहचान नहीं चाहते हैं तो सबका व्यक्तियों का अपना अलग-अलग स्वभाव है लेकिन कहीं ना कहीं अगर किसी को आप मान सम्मान देते हैं तो उसका मनोबल बढ़ता है उसको आंतरिक खुशी होती है निसंदेह आंतरिक खुशी होती है और कई बार अभिमान भी उसमें भर जाता है जब ऋषि मुनि अभिमान से बच नहीं पाए देवी देवता का विमान से बच नहीं पाए तो हम तो मनुष्य हैं लेकिन बहुत सारे लोगों को पहचान पसंद आता है सम्मान पसंद आता है यह समाज का या जहां पर रह रहे हैं वहां का रीति रिवाज का एक अंग भी हो सकता है तो लेकिन कई लोग झूठी सम्मान के लिए जैसे नेता हैं अपने ही कार्यकर्ताओं को पैसा देकर भी सम्मान कर आते हैं कि लोग उसको भी सम्मान करें ऐसा भी कुछ चलता रहता है बाजार में हर प्रकार के लोग हैं धन्यवाद
विस्तार आपका प्रश्न है कि मनुष्य सम्मान और पहचान का भूखा क्यों होता है कृपया अपने अपने प्रश्न में 1 वर्ड गलत यूज कर दिया वह का सम्मान और पहचान कोई खाना नहीं है या कोई ऐसी चीज़ नहीं है लालच नहीं है कि हम उसके भूखे होंगे या कोई भी आदमी उसका भूखा होगा यह भूखे की जगह आपको वर्ड यूज़ करने की ख्वाहिश इच्छा मनुष्य के सम्मान और पहचान की हर किसी को होती है इच्छा होती है हर कोई मनुष्य हर कोई इंसान चाहता है कि उसकी कोई पहचान बने समाज में उसका सम्मान हो यह हर कोई चाहता है तो इसे हम एक तरह से इच्छा है या ख्वाहिश शब्द कह सकते हैं वह का नहीं कर सकते और दूसरी बात यह कि आपने पूछा है कि क्यों भूखा होता है हर व्यक्ति चाहता है कि उसका परिवार और वह खुद कुछ ऐसे कर्म करे या कुछ ऐसा काम करें जिसकी वजह से उसका समाज में अपने देश में सम्मान हो हर कोई व्यक्ति चाहता है आप भी चाहते हैं मैं भी चाहता हूं और पहचान और सम्मान दोनों एक दूसरे का पर्यायवाची शब्द है अगर आप का सम्मान होगा तो आपके पहचान अपने आप बढ़ जाएगी और अगर आपकी पहचान होगी तो सम्मान अपने आप बढ़ जाएगा तो हर कोई इंसान चाहता है और यह दोनों शब्द एक ही है धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों भारत बायोटेक के कंसेंट फॉर्म में क्या लिखा है तो जैसे कोरोनावायरस के टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है भारत की दो वैक्सीनस लगाई जा रही है कॉक्सएक्स पर जाने का की वैक्सीन है और एक है भारत बायोटेक की वैक्सीन तो भगवान से पहले कंसेंट फॉर्म पर भी साइन करवाया जा रहा है इस फॉर्म में यह वादा किया गया है कि अगर ठीक है की वजह से किसी तरह का दुष्प्रभाव यह गंभीर प्रभाव पड़ता है तो मुआवजा दिया जाएगा उन्होंने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो उसे कंपनी मुहावरे देगी सहमति पत्र के अनुसार अगर टीके से कम यह प्रतिकूल प्रभाव होने की बात साबित होती है तो मुआवजा बी बी आई एल द्वारा तय किया जाएगा पीवीआर मतलब भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड सहमति पत्र के फॉर्म में कहा गया है कि क्लीनिकल प्रभावशाली सम क्लिनिक्स भविष्य शीलता संबंधी तथ्य को स्थापित किया जाना अभी बाकी है और इसका अभी भी चरण 3 क्लिनिकल ट्रायल में अध्ययन किया जा रहा है इसमें कहा गया है कि इसलिए यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि टीके की खुराक लेने का मतलब यह नहीं है कि कुल 19 से संबंधित अन्य सावधानियों का पालन नहीं किया जाना चाहिए प्रतिकूल प्रभाव के मामले में पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में चिकित्सीय रूप से मान्यता प्राप्त देखभाल प्रदान की जाएगी धन्यवाद
नमस्कार सोता हूं तू भारत समेत दुनिया भर में कई ऐसे देश हैं जहां पर टीकाकरण शुरू हो गया करो ना का और नॉर्वे के अलावा भी एक-दो दिशा यहां पर टीका लगने के बाद लोगों की हालत गंभीर हो रही है ज्यादा संख्या नहीं है लेकिन हो रही है कैंटीन जाने के बाद बुजुर्गों की नोट में मौत हो गई कई अन्य लोग टीकाकरण के तुरंत बाद गंभीर बीमार भी हो गए हैं सरकार ने जांच बिठा दी है मरने वाले 80 साल से ज्यादा की उम्र के बुजुर्गों ने पाई सर कंपनी का कांटेक्ट टिका लगवाया था जो भारत में नहीं है भारत वाले ऑक्सफर्ड की और भारत के खुद के बनाए टीके लगा रहे हैं आइसर कंपनी के वापस आए वहां के डॉक्टरों ने कहा है कि प्रतिकूल प्रतिक्रिया में 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में देखी गई है जो कमजोर और बीमार थी विशेषज्ञों ने कहा है कि मरने वाले थे लोगों में से 13 कितने टीके के सामान्य साइड इफेक्ट देखे गए थे जैसे डायरिया जी मचलना और बुखार हालांकि इन मौतों के बाद भी नॉर्वे ने टीकाकरण जारी रखने का फैसला किया है इन घटनाओं को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने कहा है कि हम घटनाओं को पूरी नजर रखे हुए हैं और वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ संपर्क में है सभी मौतों को कारणों और उसकी परिस्थितियों की जांच को नजदीक से नजर रखेंगे तभी तक कारण अभी तक नहीं पता चला है जांच बिठा दी गई है और देखा जा रहा है कि क्यों उनको ऐसे साइड इफेक्ट तो यार इतनी हालत गंभीर हो गई धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों सभी कोरोनावायरस महामारी पूरी तरह से खत्म नहीं हो उसी समय भारत में वापस से आगे ब्लू कितना पुराना है कहां पहली बार आया तो इसके बारे में जानते हैं कि सामान्य फ्लू की तरह ही होता है यह बीमारी एवियन इनफ्लुएंजा विषाणु भाई बहन की वजह से होती है यह विषाणु पक्षियों के अलावा इंसानों को भी शिकार बना सकता है बर्ड फ्लू का संक्रमण मुर्गा मोर और बत्तख जैसे पक्षों से तेजी से फैलता है बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है हालांकि कई बार इंसान से इंसान को भी हो जाता है यह बेकार इंसान पर मौत का खतरा भी होता है इंसान से इंसान में बर्ड फ्लू के संक्रमण का जोखिम कम है पर पक्षियों के संपर्क में आए विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह बहुत खतरनाक बीमारी है इसमें शंकर में तो की मृत्यु दर 60 फीसद तक है यानी हर 10 में से 5 लोगों की जान जा सकती है बट्टू के अब तक 11 विषाणु का पता चला है इनमें से पांच इंसानों के लिए जानलेवा है यह ek511 h7m 3878 787 989 इनमें सबसे खतरनाक होता है h5 एनुअल विषाणु यही पहली बार बडसू विषाणु तक पहला विषाणु था यह पढ़ चुका जितने इंसानों को भी संक्रमित किया था एक पवन से पहली बार मनुष्य के संक्रमण होने की घटना ज्यादा पुरानी नहीं है इसका पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में आया था अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है और यह 60000 देशों में महामारी का रूप ले चुका 2003 से अब तक लगातार या किसी ना किसी देश में अपना असर दिखाता रहा है अमेरिकी हेल्थ एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कुछ साल पहले इसके लिए टीके के प्रारूप को मंजूरी भी दे दी है लेकिन अभी वह लोगों के लोग उपलब्ध नहीं है धन्यवाद
ऐसा कार्य करने के लिए क्या क्या आवश्यकता होती है और आपका कोटा होना चाहिए हेल्थ से संबंधित जानकारी चाहिए के अंदर पता होना चाहिए जानकारियां होना चाहिए तो अब
सर्दी में नाक का बहना क्या जल्दी ठीक कर सकते हैं और कर सकते हैं तो कैसे दोस्तों यदि आपकी नाक बह रही है तो निजी तौर पर यदि आप इसको सही करना चाहते हो दो-तीन इलाज बताऊंगा आपको पहले अब गरम पानी के अंदर जो है तुलसी या नीम के पत्ते डालकर के अपने मुंह उसको चद्दर के अंदर ढक करके ऐसा कर सकते हैं दूसरी बात यह दोस्तों की आप तुलसी काली मिर्च अदरक और इत्यादि का काढ़ा बनाकर पीते हैं या फायदेमंद होगा चाय काली चाय बना कर दिया किसकी पुस्तक है तो मेरे चाचा को सर्दी से भी निजात मिलेगी और आपका भी बंद हो जाएगा
तुम्हारी बात बिल्कुल लता जैसे हो जाएंगे जैसे आप सारे साधु महात्मा को देखने के बाद बड़े-बड़े चटा जैसे बिल्कुल जाती है वैसे आपके पास आएंगे अच्छा सा बन जाएगा और लेटा बन जाएगी जैसे कि नहीं देंगे तो आप के सर में तरह तरह के लोग आएंगे निकलेंगे करने से हमारे बाल भी अच्छे होते हैं और हमारे से अच्छी रहती है सबसे अच्छी रहती है हमें ठंडक महसूस होती है ऐसे में गंदगी रहेगी दोनों में परिसर में वह सारे रोग हो सकते हैं आपको जो पसंद आए तो
है मेरा दूसरे शहर में नौकरी करना मेरे पिता को क्यों पसंद नहीं है तो दोस्तों देखिए ऐसा एक कारण हो सकता है हम भले कितने ही क्यों न सही हो कितनी भी क्यों ना मतलब अपने हिसाब से सही हो लेकिन हर माता-पिता को एक ही बात लगती है कि हमारा बच्चा बाहर जाएगा तो बिगड़ जाएगा बाहर जाएगा तो गलत जगह पर पैसा लगाएगा और यह जो बात कही जाती है वह आज के समाज में होने वाले परिवर्तन को देखकर लोग कहते हैं या जिनके माता-पिता ऐसा कहते हैं आज के समाज के परिवर्तन को देखकर ऐसी बातें कहते हैं इसलिए इसमें उन लोगों को तो नुकसान हो ही रहा है जो ऐसा काम करते हैं लेकिन जो लोग सीधे हैं जो लोग ऐसा काम नहीं करते उनको भी इस लाइन में लिया जाता है कि यह बंदा बाहर जाएगा तो गलत काम करेगा ऑफिस को बाहर क्यों भेज रहे हो तो इसीलिए इसी चक्कर में हो सकता है कि वह कह रहे हैं आपसे अगर यह प्रश्न किसी लड़की ने किया है तो लड़की के माता-पिता को भी लगता कि कहीं जो है उन्हें दर्द बना रहता है कि अगर मेरी लड़की बाहर नौकरी करेगी तो न जाने क्या हो सकता है कोई घटना आया कोई भी हर चीज का डर बना रहता है माता-पिता को अपने बच्चों का तो इसीलिए बाहर नौकरी करने के लिए अपने माता-पिता मना करते हैं दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि हम जब युवा अवस्था में होते हैं हम अपनी माता-पिता की बातें नहीं मानते हम अपने हिसाब से ज्यादा चाय निर्णय ले लेते हैं और कभी-कभी ऐसा निर्णय खतरनाक भी हो जाता है हमारे लिए क्या लड़की हो चाहे लड़का हो तो जो है मैं अपनी युवावस्था में आगे पीछे कुछ भी दिखाई नहीं देता है तो इसीलिए आज के इस बदलते परिवेश में और जो है और इस खराब माहौल के चक्कर में माता-पिता जो है ना करते अपने जो है संतानों को बाहर भेजने से जय माता दी जय हिंदुस्तान
ब्याव शादी के बाद लड़कियां मोटी क्यों हो जाती है इससे बचने के लिए कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए दोस्तों अक्सर देखा गया है कि शादी के बाद लड़की हो कि लड़का हो वह मोटे हो जाते हैं उनका मेन रीजन भी होता है क्या होती है उसको अपने माइंड से उस चीज को निकाल देते हैं इससे क्या होता है कि आपका जो शरीर तो पहले कमजोर होता है वह थोड़ा हेल्दी बन जाता है सब कुछ ऐसा ही कुछ लोग मोटे हो जाते हैं फिर दूसरी और किसी भी चीज को कटिंग निजात पा जाती है चुटकुले करते हैं क्या मुझको कोई टेंशन नहीं है जो भी काम करेगा हस्बैंड करेगा जिसकी मनी इत्यादि की परेशानियां होती है बाय द वे लड़कियां जो है वह घर का काम होता है पर इसमें यह बता कि लड़कियों का जो होता है दोस्तों को और को टेंशन दे वह बहुत ज्यादा कम हो जाती है शादियों के बाद दूसरे बाद उनके परिवार नया मिलता है उनके साथ वह घुलमिल जाती है मन अच्छा लगता है प्रसन्न रहते तो उनका तो दोस्तों इस कारण से भी जो है वह बैठ जाता है और यदि आप दोस्तों मोटापे से आप निजात पाना चाहते हैं तो इसका संतुलित भोजन कीजिए और लिमिट काकी जी खुश रहिए और टेंशन तो अब मुफ्त है परंतु खाना जो है वह आपको लिमिट का कर देना चाहिए
ई वांट टू आज आपका सवाल है कि एक अनुभवी लेखक एवं साधारण लेखक की लेखनी में किस प्रकार का अंतर देखा जा सकता है तो देखिए जो अनुभव होते हैं वह आपको सिम के पास बहुत ही पीरियंस होता है उनके मतलब मिस्टेक होने और गलती होने की बहुत ही कम जान से सोते हैं उनके तजुर्बे उनके एक्सपीरियंस बहुत अच्छा होता है जो इंसान डिलीट कर पाता है समझ पाता है उनको पता होता है कि उनको ज्यादा टाइम भी नहीं लगता है कुछ भी चीज लिखने में क्योंकि उनके बहुत हैबिट होते हैं लेकिन जो नया लेखक होता लेकिन को सोचना पड़ता है समझना पड़ता है जानना पड़ता है फिर भी उनके इतना ज्यादा नहीं होते हैं तो उनके थोड़ा मिस्टेक होने के चांसेस ज्यादा होता है तो वह यही सब नॉर्मल को टाइम भी ज्यादा लगता है तो यही सब दोनों अब चेंज देख सकते कि एक्सपीरियंस लेखक का और जो एक नए नए फैशन लेखक में
हम तो सवाल है कि 26 जनवरी 2021 गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालना उचित उचित 1 जनवरी को रैली निकाली जाएगी दिवस परेड होती है जो विकार कम होते हैं तुम पर बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा अगर दिल्ली में निकालेंगे तो वहां पर परेड करते हैं दिल्ली में कितना किलो वजन होगा और हमारा गणतंत्र दिवस पर नहीं पाएगा उस दिन 26 जनवरी के दिन मनाने का दिन है इस दिन हमें भी करना चाहिए किसानों को उस दिन ट्रैक्टर रैली नहीं निकालना चाहिए समझना चाहिए 15 अगस्त 26 जनवरी हमारे राष्ट्रीय त्योहार है इन्हें अच्छे से मना कर देना चाहिए 9:00 के बीच में कोई परेशानी नहीं करनी चाहिए इसलिए 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली 9 तारीख
ऑक्सफोर्ड कॉमर्स क्या है दोस्तों को हमारी तरफ से दिल को होता है जैसे कोई भी ऑफ वर्ड लिखते हो उसके आगे जो भी आप चल लगाए विराम चिन्ह लगाए अल्पविराम लगाएं जो भी है यह सारी की सारी कमाई है मान लीजिए आप से ही देश का नाम लिख रहे हैं भारत के और आपको मां लगाएंगे चीन फिर कोमल लगाएंगे पाकिस्तान के कोमल लगाएंगे अमेरिका चीर कुमारी लगती है इसका जवाब खत्म कर देते हैं तो फोन विराम चिन्ह लगाते हैं इत्यादि जो है यह सारी कमाई है
नमस्कार दोस्तों आपका प्रश्न है हमारे धरती पर कितने प्रतिशत पानी पीने के योग्य है दोस्तों इस प्रश्न का सही जवाब हमारे धरती पर केवल 3% पानी पीने के योग्य है 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है धन्यवाद
सवाल पूछा गया है वित्तीय रूप से महिलाओं को आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है तो देखिए आज अब हम बात करते इंडियन फैमिली की इंडियन जो हमारे कल्चर है उसके कोडिंग अगर कोई स्त्री वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर नहीं है तो अगर उसको डोमेस्टिक वायलेंस का भी सामना करना पड़ रहा है या फिर कुछ ऐसी चीज उसके साथ हो रही है जो एक जोतने की मौलिक नहीं है जो एक नैतिक व्यवहार उसके साथ नहीं किया जा रहा है फिर भी उसे वह सब सहना होगा क्योंकि अब वित्तीय आत्मनिर्भर नियमित रूप से अगर बात पर निर्भर होती तो वह अपने आप को पालने में सक्षम होती अपने बच्चों को अपने परिवार वालों अब जो भी है 18 में बीती रात नहीं पड़ता है किसी के लिए बहुत ज्यादा जरूरी था कि वह इस तरीके की चीजों के खिलाफ आवाज उठा सके अगर हम बात करते हैं किसी भी स्त्री के इंडियन मैं तो डोमेस्टिक वायलेंस बहुत ही कमेंट चीज है पति आए दिन अपनी पत्नियों पर हाथ उठा देते को दोष दिया जाता है अब उसके ऊपर भी वह कुछ नहीं कर पाती क्योंकि रूप से आत्मनिर्भर नहीं है अगर वह अपने पति का घर छोड़ कर चली जाएगी तो उसके मायके वाले दो उसको एक्सेप्ट नहीं करेंगे तो फिर वह जाएगी कैसे तो एक लड़की वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होती है तो उसमें बाइक उसका जो आत्म सम्मान है उसकी रक्षा बसाने से कर सकते इस तरीके के और व्यावहारिक जो कृत्य होते रहते हैं हमारे यहां पर आए दिन लड़कियों के साथ के साथ उसमें काफी हद तक वह अपने आप को अपने तरीके से अपने हिसाब से चीजों को मैनेज करने की कोशिश करेगी और बहुत सारी समस्या उसे आसानी से छुटकारा पा लेगी इसमें बहुत सारे परिवार जरूर टूट जाएंगे पर आखिर कब तक एक औरत को ही हर चीज सहनी पड़ेगी तो मेरा यह मानना है कि कॉलेज में वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होती है तो वह अपने आत्मसम्मान की रक्षा भी बहुत अच्छी तक कैसे कर सकती है उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
पूछा गया है लड़कियों के लिए आत्मनिर्भर होने के बावजूद भी कौन सी चीजें आज भी उनके लिए नहीं बदल पाए तो हमारा कल्चर है जो हमारा यहां परियों से चला आ रहा तुम्हारे हमेशा यही बताया जाता है कि लड़कियों को एडजस्ट करना चाहिए लड़कियों को सहनशील होना चाहिए सामने वाला आप पर गुस्सा भी कर रहा है तो आप को शांत रहना चाहिए क्योंकि आप लड़की हो आप को बच्चों का घर का देखभाल करना पड़ेगा क्योंकि आप लड़कियों भले ही आप इतने रूप से आत्मनिर्भर हो भले ही आप जॉब कर रहे हो भले ही आप कितना भी पैसा कमाए घर संभालना बच्चे संभालना रिश्ते सामान्य सारी जिम्मेदारी की लड़की की शादी होती है तो यह चीज आज भी और जो है हमारे समाज में नहीं बदली है हम आज भी यह नहीं सिखाते कि अगर आप लड़के भी है तो आपको भी घर के कामों में हाथ बटाना चाहिए क्योंकि आज किसी भी चीज में लड़कियां पीछे नहीं आप एक ऐसी लड़की के ऐसे समाज में जी रहे थे पर लड़कियां और लड़के बराबर की पढ़ाई जॉब बराबर होती है सैलरी बराबर होती है तो फिर आपको घर का काम करने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए कि हम अपने लड़कों को नहीं सिखाते और यही जो है उनके दिमाग में बचपन से ही चीज रहती कि लड़की को ही यह सब करना है और यही कारण है कि फिर लड़कियों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे जॉब करो घर आकर घर संभालो बच्चों को देखभाल करो बड़ों बड़ों की देखभाल करो एक लड़की के लिए काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है और आज भी हमारे समाज में नहीं बदली है कुछ कुछ हद तक मैंने देखा है कि लोग थोड़े लिबरल हो रहे लोग इस चीज को समझ रहे हैं तो यह काफी पॉजिटिव रिस्पांस भी उसका मिल रहा है पर अभी भी हम काफी पीछे हैं उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
प्रश्न है कि अंग्रेजी में माइक का प्रयोग कब करते हैं देखिए जो माइट है वह मॉडल सीखता एक क्रिया होती है इसे हम अंग्रेजी बोलते वक्त साइकिलिया के रूप में प्रयोग करते हैं माइक्रियम इसको हम हिंदी में कह सकते हैं कि जब किसी चीज की कम संभावना हो तो ऐसे में हम माय शब्द का प्रयोग करते हैं असल में देखा जाए तो माइक का प्रयोग हम कम संभावना वाली चीजों के लिए हम इसका आसानी से प्रयोग कर सकते हैं जैसे किसी जगह पर चोरी हुई है और हमें किसी पर संदेह है तो ऐसे में हम कह सकते हैं कि शायद उसने ऐसी चोरी की होगी जब हम किसी के बारे में भी एक निश्चित रूप से किसी भी चीज को लेकर हम जब पक्की जानकारी नहीं दे सकते तो ऐसे में हमें माइक का प्रयोग करके इस वाक्य को बोल सकते हैं धन्यवाद
एसी और डीसी करंट क्या होता है और कैसे काम करता है दोस्तों ऐसी बात करें तो इस का फुल फॉर्म अल्टरनेटिंग करंट और यह करंट एक निश्चित समय के बाद में अपनी जो बेल्ट डायरेक्शन है वह मान और उसका पता है इसलिए इसे अल्टरनेटिंग करंट कहा जाता है आपको बता दें कि हमसे बहुत ज्यादा किया जा सकता है इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ट्रांसफर की मदद चेक कर लिया ज्यादा भी किया जा सकता है और साथ ही इस करंट को ज्यादा दूरी तक भी आसानी से भेजो ट्रांसफर की मदद से कम या ज्यादा किया जा सकता है और इसी वजह से पहले इसकी वोल्टेज को बढ़ाया जाता है फिर जहां पर भी भेजना है वहां पर भेजकर इसकी वोल्टेज को कम कर दिया जाता है दूसरे की डायरेक्शन वसुरी यानी कि डायरेक्ट करंट जो है यानी कि डायरेक्ट को बिल्कुल भी नहीं बदलता है और आजकल हर जगह जो है इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि किसी भी तरह की बैटरी चार्ज करने के लिए सिर्फ देसी करण का इस्तेमाल किया जा सकता है इस वजह से डीसी करंट स्टोर किया जाता है लेकिन को नहीं किया जा सकता करंट को मापने के यंत्र जैसे कि मल्टीमीटर ट्रैक्टर में डीसी सप्लाई का इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा लैपटॉप लाइटिंग के काम में भी इसी कारण का इस्तेमाल किया जाता है टीवी रेडियो कंप्यूटर और मोबाइल के सभी काम डीसी करंट से होते हैं आशा करता हूं धन्यवाद
प्रश्न है कि क्या मैं लड़का होने के बाद भी लड़कियों के कपड़े पहन सकता हूं क्या यह सही है देखिए अगर आप समाज में रह रहे हो और अपने आसपास के लोगों को देखते हुए उनकी सोच के बारे में जानते हो तो यह शायद आपके लिए थोड़ा शर्मनाक भी हो सकता है आपने अक्सर देखा होगा कि लड़कियां अपनों से ज्यादा लड़कों की तरह दिखने वाले कपड़े ज्यादा पहनना पसंद करती है और वह काफी आक्रोशित भी लगती हैं और उन्हें काफी सराहा भी जाता है और उन पर वह कपड़े खूब पकते भी है लेकिन अगर यही सोच लड़का लड़कियों के कपड़े पहने तो वह बड़ा ही अजीब लगता है क्योंकि यही एक फैशन है जो ट्रेंड है जो कुछ लोगों के समझ में नहीं आता लेकिन सच में यह भी फ्रेंड है कि अगर लड़कियां लड़कों के कपड़े पहनकर बाहर जाएं तो वह काफी आकर्षण का कारण बनती हैं और उन्हें काफी सराहा जाता है लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कोई लड़कियों के कपड़े पहनकर बाहर जाएगा तो उसका मजाक बनाया जाता है क्योंकि उस जो डिजाइन में कुछ इस तरह की आकृति बनाई होती है कि जिसकी वजह से वह चीजें लड़कों पर शायद एक हंसी का पात्र बन सकते हैं तो अच्छा होगा कि केवल आप जो लड़कों के बनाए हुए कपड़े हैं या फिर जो लड़कों के लिए ही कपड़े हैं आप उन्हीं चीजों को पहने और आप उन्हीं में इतना आकर्षण लग सकते हैं आपको इस चीज की आवश्यकता नहीं है कि आप लड़कियों के कपड़े पहने अगर आप ऐसा करते हैं तो शायद आप हंसी का पात्र बन सकते हैं धन्यवाद
पहले क्या भाग्य का लिखा कर्म से मिटाया जा सकता है जी हां दोस्तों बिल्कुल यस क्योंकि भाग्य में क्या लिखा हुआ है यह आपका कर्म के ऊपर ही निर्भर करता है आपकी मेहनत के पर निर्भर करता है कि आपके भाग्य में कुछ चीजें लिखी हुई है वह चीज आपको मिलेंगे या ना मिलेगी वह आपके कर्म के ऊपर निर्भर करेगा क्योंकि आप अच्छे कर्म करते हैं तो आपके भाग्य अच्छा होगा आप मेहनत से करते हैं कर्म अच्छे करते तो भी आपका भाग्य अच्छा होगा तो जो चीज है कर्म और मेहनत यही आपका भाग्य लिखते हैं कि स्पेशली आगे से आपका भाग्य लिख करके नहीं आता है तो आप अपने कर्मों को और मेहनत को ज्यादा महत्व दे ना कि अपने भाग्य को धन्यवाद
आकाश वाले की अंग्रेजी में माइक का प्रयोग किया जाता है तो अंग्रेजी में से बॉस चाहते हैं जिसमें मैं का प्रयोग किया जाता है जिससे यू मे गो होम यू माय चुनाव मे आई कमिंग कमिंग में आई सी यू टुमारो इज़ माय रन टुडे आई आई में ग्रोथ रेट टुडे इन हिंदी वाक्य की क्रिया के अंत में सकता हूं सकते हैं चाहे सकती हैं संभावना इत्यादि हैं इस क्रिया का अनुवाद में में होता है धन्यवाद
Motivational Speaker Public Speaker Life Coach Youtuber
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पुष्कर जी हां बिल्कुल लिख लिख कर पढ़ना अच्छा होता है लिखकर पढ़ने से भी आज बहुत जल्दी होता है इसके पीछे कारण यह है कि आप लिखेंगे तो आप उसको देखेंगे आंखों से और आंखों से देखेंगे और साथ में अगर बोलेंगे तो कानों से सुनेंगे या नहीं लिखना आंखों के द्वारा मस्तिष्क में चला जाता है कानू के द्वार मस्ती स्कूल जाना जाता है इस प्रकार से वह आपके अवचेतन मस्तिष्क में बैठ जाती है वह बातें और वह ज्यादा लंबे समय तक याद रखें धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है पढ़ाई करने के बेहतरीन कार्यक्रम क्या है जो फ्रेंड्स आजकल हम लोग देख रहे हैं पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है बहुत कमी बच्चों की क्लास लग पा रही है ज्यादातर पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है तो आजकल यह ऑनलाइन तरीका ही बेहतरीन है जिस समय से पूर्व नमः मारी चलिए तो ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है बच्चे मोबाइल में लैपटॉप में ऐसी पढ़ना है और पढ़ाई करने के लिए आप कोचिंग संस्थानों में भी पढ़ सकते हैं अपने टीचरों से भी मदद ले सकते हैं और अपने दोस्तों से मदद ले सकते हैं ने पढ़ाई करने के बेहतरीन तरीके हैं आप बैठ कर के सपोर्ट से बनिया पढ़ सकते हैं मोबाइल से आप जो आपको नहीं आता यूट्यूब से गूगल से निकाल कर पढ़ सकते हैं तो फ्रेंड जो पसंद आए तो लाइक कीजिएगा धन्यवाद