हेलो जानू आज आपका सवाल है कि अखिलेश यादव क्यों कोरोनावायरस वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं हाल ही में अखिलेश यादव जी ने कहा कि वह बीजेपी सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं इस वजह से वह इस मैगजीन पर भी भरोसा नहीं करते उनका मानना है कि इतने पहले से बीजेपी सरकार का मानना था कि हां थाली और मतलब ऐसे कोई भी चीज बजाने से मतलब करवाया जा रहा था जिस तरह से कि इस तरह से कोरोनावायरस है यह मतलब खत्म हो सकता है तो 3:30 अध्यक्ष नितिन जल्दी आ गया तो उनका मानना है कि यह वैक्सीन सिर्फ और सुरक्षित नहीं है उनका मानना है कि यह नहीं हो सकता है और जिस वजह से कह रहे कि नहीं उनका भरोसा है और ना ही इस व्यक्ति को पर उनको लग रहा है कि सैफ और सुरक्षित हो सकता है जिस वजह से वह मना कर रहे हैं कि यह व्यक्ति को नहीं लगाएंगे ऐसा नहीं कि वह बिल्कुल ही नहीं इस देश में रहने का कोई भी इंसान अपने मनमानी का नहीं कर सकता कि हां मैं नहीं लगाऊंगा मैं तो फिर तो फिर से ऐसा फैलता ही रहेगा उन्होंने कहा है कि मैं अभी नहीं लगाऊंगा मैं भरोसा नहीं करता लेकिन मतलब जब उनको नॉर्मल लगेगा सब यह सब ठीक-ठाक है तब जाकर उन्होंने कहा कि वह लगाएंगे
नहीं पूछना चाहिए कि अखिलेश यादव क्यों कोरोनावायरस वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं तो अखिलेश यादव जी इसलिए मना कर रहे हैं कि बीजेपी जॉइन बीजेपी की बीजेपी की है तो हम वैसे नहीं लेंगे सोच है कि हम आएंगे तो बता देंगे हम बीजेपी के नहीं लगाएंगे एनएच 12 सल वेट करना चाहते हैं कि सरकार बदल जाए और हमारी सरकार आए हम बाकी है क्योंकि उसमें लोग थोड़ा सा डरे हुए हैं क्योंकि अब लोगों का विश्वास नहीं है और कुछ दिक्कतें होंगी पहली बार बासी नहीं तो अखिलेश यादव जी के वही डर लग रहा होगा कि पता नहीं जो बनकर आ रही है वह सही है कि नहीं वह बीजेपी वाली है कुछ गड़बड़ वाली है तो हम तो इन पुणे इनको बीजेपी के पैसे लग रही है केवल सपा वालों को बीजेपी ज्वाइन लगदी कराना चाहते हो जाएंगे इसी तरह संक्रांति में लोग कुछ भी बोलते हैं राजनीति में लोग कुछ भी बोलते हैं और उल्टा सीधा बोलते हैं बीजेपी वाले ज्यादा बढ़ा में प्रदेश में विपक्ष कोई साफ करते आ रहे हैं भाई सपोर्ट में बीजेपी का एजेंट समझ लीजिए मुझे बहुत बड़ी संस्था है और पूरे देश का देश में बढ़ाने धारा 370 टाइम बढ़ाने समझ लीजिए आर एस एस का उद्देश्य चाहिए कि कश्मीर को भारत का एक अभिन्न हिस्सा बना दिया जाए हो गया है उसको भी मोदी सरकार और तुझे पाकिस्तान बहुत डरावनी जिसको जैसा मुखड़ा खौफ है और चाइना बीच में नहीं आया तो इंडिया सबके लिए ऑफ अखिलेश यादव को भी खौफ है उसी पार्टी में कॉफी ममता बनर्जी का खौफ है यह तो खौफ की बोली है अखिलेश यादव की ममता बनर्जी की सरकार मत आजा एक बार सरकार आ गई तो फिर ऐसे काम करेगी दोबारा नहीं जाएगी क्या बार-बार आती रहेगी तो यह डर है समस्त रात को
नमस्कार श्वेता अखिलेश यादव क्यों कोरोनावायरस वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं उसे पॉलीटिकल स्टंट भी क्या सकते हैं या पता नहीं क्या लेकिन जो वह कह रहे हैं वह काफी भ्रामक बातें हैं मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वह खुद कोरोनावायरस इन नहीं लगाएंगे इसके बीच उन्होंने मजा बताएं कि उन्हें भाजपा की वैक्सीन बम भरोसा नहीं है उन्होंने कहा कि देश में कोरोनावायरस के संक्रमण कहीं पर भी नहीं है भाजपा ने सिर्फ विपक्ष को डराने के लिए कब है फैलाए हैं उन्होंने कहा कि मैं तो बिना मास के सब के साथ बैठा हूं उन्होंने मीडिया से कहा कि आप सब लोग ही बता दे करो ना कहां है तो ऐसी ऐसी बात उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मैं तो करो ना कि वैक्सिंग नहीं लगूंगा भाजपा का क्या भरोसा सरकार आएगी सभी को फ्री है तो यह सब बातें कहीं कहीं उस मीडिया की बातचीत के दौरान
साहित्यकार, समीक्षक, संपादक पूर्व अधिकारी विजिलेंस
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अखिलेश यादव क्यों कोरोनावायरस वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं अखिलेश यादव जी को कहीं से यह भ्रम हो गया है कि वैक्सीन में नपुंसकता भी डाल दी गई है उसके लगाने से मतलब लोगों में नपुंसकता जा रही है और उनको वैज्ञानिकों पर विश्वास नहीं हुआ यह गलत है वैक्सीन किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बनाई जाती वैक्सीन नेताओं के लिए केवल लगने पर सैनिक यूनिवर्सल होती है तो सबके लिए समान रूप से फार्मूले लगाए जाते हैं अब जिसको लगवाना हो लगवाना लगवाना अनावश्यक रूप से किसी चीज की विवेचना कर के लोगों में गलत भ्रम फैलाने यह गलत बात होती मैं इसका समर्थन नहीं करता हूं
अखिलेश यादव को कोरोनावायरस वैक्सीन पर भरोसा नहीं है क्योंकि लाचार और गुंडाराज में भाजपा की बाकी व्यक्तियों कारगर साबित हुई है तथा अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी से कोरोनावायरस वैक्सीन का टीका भी नहीं लगवा सकते और ना ही लगाएंगे ऐसा करना देंगे तथा अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कैसे भरोसा कर सकता हूं कि भाजपा की कोरोनावायरस वैक्सीन पर क्या पता हमें मार दे क्या पता वह कुछ भी कर सकते हैं अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जब हमारी सरकार बनेगी तो हम मुफ्त में बाटेंगे विकसित और इन सभी दवाइयां तथा भाजपा पार्टी वाले लोग मेरे से पैसे ले रहे हैं काग्रेस के अध्यक्ष इनके हम ऐसा नहीं करने देंगे तथा उन्होंने यह भी अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हम राम मंदिर में भी साधु संतों की सेवा करेंगे फ्री द्वारा मिलेगी और सभी कार्य फ्री मिलेंगे यदि हमारी सरकार बन गई तो
अखिलेश यादव क्यों कोरोनावायरस वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं देखे हुए इसलिए मना कर रहे हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि यह जो वैक्सीन है इससे करो ना एक हो जाए और वह नहीं चाहते कि किसी भी प्रकार से इंडियन गवर्नमेंट कोरोनावायरस ताकि हम पर एक मुद्दा बना रहे हैं बस इसके अलावा और कोई रीज़न नहीं है
हिंदी में कहावत है कि मेरा कुत्ता भी टॉमी है और उनके टॉमी भी कुत्ते हैं इस में जमीन आसमान का अंतर है इसमें सिर्फ बैंड का अंतर है आदमी इतना स्वार्थी इतना खुदगर्ज का लालची हो गया है उसे स्वस्थ के सिवाय और कुछ नजर ही नहीं आता राजनीतिज्ञों की जा बात करें तो समस्त राजनीति की चाय वह सपा क्यों मोर्चा भाजपा के हो चाहे बीजेपी क्यों सोचें कांग्रेस के अनुसार सप्ताह की जोड़-तोड़ में रहते हैं सिर्फ सत्ता प्राप्त करने का हीन का टारगेट रहता है यह जन सेवा की तो बातें करते हैं केवल लेकिन इनकी कथनी करनी में जमीन आसमान का अंतर होता है श्रद्धा से पहले जो राजनीति की जाती थी को देश सेवा के लिए की जाती थी को जनसेवा के लिए की जाती थी वो जनहितकारी होती थी तो जनकल्याणकारी थी लेकिन सुकून का के बाद की जो राजनीति की गई है समस्त पॉलीटिकल पार्टीज के द्वारा सहित कान की गई है स्वार्थ के लिए की गई है और अपने सत्ता प्राप्त करना सत्ता को तोड़ना सत्ता को सत्ता से हटाना की जोड़-तोड़ बोल चलते रहते हैं अभी यह जो आपने यादव साहब का बारे में कहा तो यादव साहब के स्वयं के व्यक्तिगत विचार हैं क्योंकि क्रोध में है बीजेपी का शासन चल रहा है और इसलिए वह चीन के बारे में ऐसा कह रहे हैं जबकि आपको भारतीय वैज्ञानिकों पर गर्व करना चाहिए कि जब संसार के विश्व के अन्य देश जहां कोरोनावायरस के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन नहीं हो पा रहे हैं बाहर भारतीय वैज्ञानिकों ने डॉक्टर्स ने हार्डली वर्क करके बहुत परिश्रम करके रात-दिन एक करके इस कोरोना वैक्सीन को बनाया है और इससे हमारे विश्व का विश्व में हमारे देश का नाम रोशन हुआ है गौरव भी बढ़ा है अब तुम इससे बड़ी क्या बात मानोगे कि पाकिस्तान जो हमारा दुश्मन कंट्री है वह भी आज भारतीय कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेने का इच्छुक है तो इस बात से हमको यह ब्लैक करना चाहिए कि हमारी कोरोना वैक्सीन एकदम साइड इफेक्ट्स राइट है बहुत सही है और प्रत्येक भारतीय को अपने आप को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए इस वैक्सीन का प्रयोग करना चाहिए लेना चाहिए और इसका विरोध में हम को शामिल नहीं होना चाहिए
क्या आपका प्रश्न ही कठिन समय में अपने दिमाग को कैसे शांत करें दिखी गहरी सांस लेने का अभ्यास करें यदि पी यह सुझाव आपको अजीब प्रतीत हो रहा होगा पर गहरी सांस लेने का अभ्यास आपके मस्तिष्क को शांत रखने में असर जनक रूप से कारगर है इनका प्रतिदिन अभ्यास करें और तनाव के समय में यह उसे कम करने में मदद करेगा अपने मुंह को बंद कर नाक से गहरी सांस लें
मार्केट के अंदर देखी आजकल ऐसे टीवी मौजूद है जिनके अंदर हम इंटरनेट का यूज कर सकते हैं यानी कि हम ऑनलाइन जो वेब सीरीज होती है मूवीस होती है वह देख सकते हैं और वही आने वाले 3000 सालों में जितने भी टीवी चैनल सोते हैं यह सारे लोग टीवी पर डाटा की मदद से ही देखा करेंगे यानी कि इंटरनेट की मदद से ही देखेगी और आपने यह भी देखा होगा कि जितने भी स्मार्टफोन होते हैं उनके अंदर जो टीवी चैनल सोते हैं यानी कि जो टीवी चैनल प्रोवाइडर सोते हैं उन्होंने अपने आप बना रखे हैं जिनकी मदद से हम उन सभी टीवी चैनल को एक्सेस कर सकते हैं तो देखिए तीन-चार सालों में मुझे लगता है कि ऐसा ऐप ईटीवी के लिए भी बना दिया जाएगा ताकि लोग ऑनलाइन ही अपनी टीवी के अंदर सभी चैनल को एक्सेस कर सके तो इसमें कोई शक नहीं है कि फ्यूचर के अंदर सभी चीजें इंटरनेट की मदद से ही कनेक्टेड होगी धन्यवाद
सवाल है क्या शास्त्रों के अनुसार गुरु को त्याग सकते हैं देखिए आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार गुरु वही माना जाता है जो स्वयं में ज्ञान का सागर समेटे हुए हैं ऐसा गुरु जिनकी कथनी और करनी में अंतर हो अर्थात जो अपने शिष्यों को तो शिक्षा देते हो लेकिन वही सीख उनके आचरण में ना हो ऐसे गुरु का त्याग कर देने में ही आपकी भलाई है विद्या के अभाव में जी रहा व्यक्ति कभी भी अच्छा गुरु नहीं हो सकता है धन्यवाद
जी आप का सवाल है कि तांडव वेब सीरीज में के बारे में आपकी क्या राय है तो जो भी अभी वर्तमान में चर्चा में तांडव एब्सली चल रही है इसमें मेरे ख्याल से हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है और साथ ही ऐसे पूरी जनता पर इसका बुरा असर पड़ता है किसी भी धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए तो मेरे ख्याल से यह जो भी फिल्म बनी है वह गलत
सुनील कुमार चौधरी जी के माध्यम से यह अनुरोध इस प्रश्न आया है कि पहाड़ पर चढ़ते समय मनुष्य आगे की तरफ क्यों झुक जाता है पीछे तरफ क्यों नहीं छुपता देखिए आपने फिजिक्स से यानी बहुत तेजी से यह प्रार्थना किया है हम लोग पढ़ते हैं पहाड़ हो या सीढ़ी हो वहां भी हम आगे झुकते हैं और इसका मुख्य कारण है कि ग्रेविटेशनल फोर्स काम करता है जिसको हिंदी में गर्भवती औरत या केंद्र कहते हैं कि होता है कि आगे हम इसलिए झुकते हैं ताकि हमारा ग्रुप व केंद्र है और उनके पांव के बीच से होकर जो गुजरता है तथा जो अधिक संतुलन आती तो प्राप्त होता है इसे या नहीं आपको एक अस्तित्व प्राप्त होता है कि आप अपना बैलेंस बना रखे और हम सभी जानते हैं कि यह पृथ्वी जो है ग्रेविटेशनल फोर्स पर ही आधारित है यानी कोई भी चीज हम ऊपर फेंकते हैं तो नीचे आता है इसी प्रकार हम लोग गुरुत्वाकर्षण केंद्र के वजह से इस पृथ्वी पर बने हुए हैं नहीं तो हम ऊपर उड़ जाते और शायद ऐसा होता लेकिन इसके वजह से जो है हम लोग पृथ्वी पर बने हुए हैं यही मुख्य कारण है कि जब हम सभी पर या जो भी उचित स्थान होते हैं वहां चढ़ने के लिए हमें आगे के झोका करना होता है और पीसा की झुकी हुई मीनार इसी पर काम करता है जैसे आप देखे हो ना कि पीसा की झुकी मीनार जो है झुका हुआ रहता है तो उसके बीच बीच में ₹1 स्थाई के अंदर जो है काम करता है जिसकी वजह से वह गीता नहीं है जबकि झुका हुआ दिखाई देता है ठीक उसी प्रकार जो है शिर्डी या पहाड़ पर चढ़ते समय हमारे साथ ऐसा होता है मुझे लगता है कि आपके प्रश्नों के जवाब दे दिया है धन्यवाद
सिवान तो आज आप का सवाल है कि क्या पूजा करने के लिए भी कोई नियम होते हैं तो देख मेरे हिसाब से अगर आपको मतलब कभी कदार होता है क्यों देर से उठते हैं या फिर रात में कोई काम पड़ जाता है जिसकी वजह से नींद नहीं खुल पाती है तो ऐसा नहीं कि आपको सुबह 7:00 बजे से मेरे बहुत सारे दोस्त हैं क्या मतलब उनको अगर उसके मम्मी पापा अगर बोलते हैं की पूजा करनी चाहिए और वह लेट उठते हैं या फिर खेलने घूमने चले जाते तो ऐसा नहीं कि वह गलत समय पर नहीं कर पाते पूजा तो दोपहर में या फिर उसके बाद में करते कर ले तेरे हिसाब से अगर ऐसा कोई सलूशन कभी हो जाता है तो आप लेट ही कर सकते हैं लेकिन कुछ नहीं है मैं जैसे की चप्पल पहन कर रही क्योंकि एक तरह का डिस्टेंस वेक्टर और एक तरफ अच्छा चीज नहीं है क्योंकि जब भी हम किसी चीज को बहुत ही दिल से और अच्छे से मानते हैं तो वहां पर चप्पल और फिर ऐसे हंसना खिलखिलाना ध्यान के समय जानबूझकर ऐसे में जबरदस्त शीला है मन नहीं कर रहा है सब करके नहीं करना चाहिए सबसे इंपॉर्टेंट जो मुझे लगता है कि चप्पल पहन चली जाना चाहे तो यह कुछ नहीं है मेरा और टाइम का अगर आपके पास अगर टाइम में इधर-उधर हो जा रहा है तब भी खराब ध्यान करना चाहे पूजा करना चाहे तो जिस समय आपको इतना टाइम मिला आंख खुली उसमें भी आप कर सकते हैं
जब किसी की मृत्यु होती है तो उस कहते हैं पढ़ लो बासी हो गया है या दिवंगत हो गया है या स्वर्गवासी हो गया है या बैकुंठ लोक गया है क्या वह शुद्ध पहुंच गया है जब पंचतत्व में विलीन हो गया है कि विभिन्न प्रकार के शब्दों के अर्थ वही है और पशु पक्षी कहने से तात्पर्य होता है कि वह हिंदू धर्म में हमेशा मानते हैं कि सब कुछ भी मृत्यु होती है तो उसके लिए हम कहते हैं कि 10 वर्ग को किया है वह बैकुंठ लोक को गया है अर्थात भगवान के पास में जाना ही हमारा परमार्थ है हमारा हमारे जन का सार्थक प्रयास है और इसी को मोक्ष कहते हैं जब मानव आवागमन से मुक्त हो जाए तो वह मुक्त कहलाता है और यही जीवन के चौथे प्रशांत है जिसे हम धर्म अर्थ काम मोक्ष कहते हैं तो यह जो है जीवन का अंतिम और शाश्वत परम प्रशांत है
बिटिया दही शब्द की परिभाषा को याद करें और उसका उत्तर दें दहेज शब्द की परिभाषा यह है प्राचीन काल में जो दही दिया जाता था उसका कारण यह था कि बेटी वाला पसंद हो करके अपनी बेटी को नया जीवन जीने के लिए उसके रिश्तेदार उसके भाई बंधु और कुछ सेम जो कुछ देता था वही चलाता है लेकिन आज जो तुम देख रहे हो वह दहेज नहीं दहेज का भयंकर रूप है यह राक्षसी करते हैं आप किसी बेटी वाले को मजबूर करें कि वह 4000000 या 50 लाख दे अपनी जमीन जायदाद भेज दें क्योंकि उसे अपनी लड़की के लिए सुयोग्य वर ढूंढो क्योंकि उसे सुयोग्य पात्र चाहिए मैं आपसे सहमत हूं आप यह कह रहे हैं कि मैं भी पढ़ा लिखा और नौकरी वाला मत ढूंढ लेकिन एक बात बताइए बेटे क्या समाज में यदि हम बिना दहेज के नहीं जी सकते हैं आप दहेज के बल पर ही यह कह रहे हो आज किसी भी लड़के की नौकरी लग जाती तो उसके बाप की लॉटरी खुल जाती है वह अनाथ धूम धूम खोल करके मांगता है यदि पहले दहेज नहीं था तो क्या वह भोजन नहीं खाते थे लिखित संतोष बढ़ती चली गई है यह कहिए मान्यता मिल चुकी है क्या विवाह करने का मतलब यह है कि उस लड़की के पैर पक्ष को पूरी तरह से मिटा देना बर्बाद कर देना उसकी जमीन जायदाद बिकवा देना जो बेटी वाला और रिश्तेदार यदि खुशी से देते हैं जीवन जीने के लिए तो मैं सोच रहा हूं अनिश्चित नहीं है लेकिन किसी को बात भी किया जाए
कल पूछा गया है क्या भावना इंसान को कम सूट बनाते हैं तो देखिए एक के दो पहलू सकते हैं जो व्यक्ति भावना प्रधान व्यक्ति होता है वह अपने से पहले दूसरों का दुख महसूस कर लेता है वह बहुत जल्दी किसी भी चीज पर पिघल जाता है और उसके अलावा जो है जो इसको कमजोरी के तौर पर देखने का भी हो सकता है कि वो व्यक्ति भावना प्रधान होता है वह कमजोर होता है वह कभी अपने मतलब अपने हित का पहले नहीं सोच पाता तो यह आपके और हमारे देश के पहलुओं का जो है परिणाम है कि हमें कह सकते कि जो भावनाएं इंसान को कमजोर बनाती है कई लोग इसी भावना प्रधानता को बहुत बड़ा जो बोल सकते नहीं की विशेषता के तौर पर देखते हैं और कई लोग इसको कमजोरी के तौर पर देखते हैं और मेरा यह मानना है कि एक भावना प्रधान व्यक्ति होना बहुत जरूरी है जहां जैसे माहौल में हर कोई सिर्फ अपने बारे में सोच रहा है अपने अहम को अपनी ईगो को नोटिस कर रहा है अपनी रुको सेटिस्फाई करने के लिए लोगों को तकलीफ पहुंचा रहा है ऐसे में भावना प्रधान व्यक्ति से कई गुना ज्यादा बेहतर होता है उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद