हेलो हेलो फ्रेंड्स आप अपने फ्रेंड लोगों को मैं बॉलीवुड इंजन देखना गुस्सा कोई हुए तो फ्रेंड जब से सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई उसके बाद से जोधपुर कनेक्शन निकला और सब चाचा में पता चला कि बड़े बड़े सूंड उठाकर ट्रक एडिट है तो लोगों को इसके प्रति घृणा हो गई यह सब ट्रक का कारोबार चलाते हैं रख लेते हैं इसलिए लोगों को ग्रहण हो गई धन्यवाद
दोस्तों आपका प्रश्न है कि लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों है दोस्तों वाजिब है बॉलीवुड में लोगों में गुस्सा होना क्योंकि दोस्तों जो बॉलीवुड का बॉलीवुड की इंडस्ट्री है पहले हुआ करता था कि यह इनमें व्यवहार आदि में सब कुछ ठीक चलता था लेकिन अब इनका व्यवहार अलग हो गया है उनका चरित्र चित्रण जो है वह धीरे-धीरे खराब सा होता हुआ प्रतीत होता है तो दोस्तों यह सिने जगत के लिए अच्छा नहीं है हां ठीक है इसमें जो खो जाने अनजाने लोग हैं ऐसे भी लोग हैं चाहते हैं लड़कियां भी जाती है और अजनबी लड़के भी होते हैं उनको एक साथ काम करना पड़ता है तो हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार क्या मजाल कि कुछ अनर्थ हो जाए लेकिन अब दोस्तों नजरिया ठीक नहीं रहा है दृष्टिकोण ठीक नहीं होता है उनका जो गंदी नज़रें हैं वह तो अब होने ही लगी है लेकिन इसके अलावा एक दूसरे की घोड़ा घोड़ी कंपटीशन में आगे बढ़ने की होड़ में तो उनको एक दूसरे से जलन भी होने लगी है इससे भी होने लगी है सभी लोग हैं आम लोग हैं वह बॉलीवुड के प्रति घृणा से रखने लग गए हैं और इतना गुस्सा सा हो गया है क्योंकि उन्हें अच्छा नहीं लगता है कि इंडस्ट्री से बॉलीवुड को हम दिल की फिल्मों को हम अपने टीवी में अपने मोबाइल में देखने की कामना करते हैं अच्छा रखते हैं और वही आपस में जलन करें और हमें अखबारों में भी दिन-ब-दिन उनकी खबरें आए कि आज उन्होंने यह कर दिया कल उन्होंने वह किया था उनका पर्दाफाश हो गया यह हो गया वह गया तो ऐसी जॉन के बारे में जो बुरी बातें हमने बार-बार में सुनने को मिलती है तो एक आम लोगों के मन में क्या होगा यही होगा कि वह अच्छे नहीं है उनका चरित्र खराब व्यवहार में भी वह गलत है लोगों के लिए गलत है तो फिर हम यही सोचेंगे कि वह तो केवल दिखावा कर रहे थे कभी कोई दान कर देता है बड़े-बड़े रुपए बहुत ज्यादा रुपए फिर बाद में पता चलता है कि वह तो यह है उनके असली यह तो दोस्तों इस प्रकार से लोगों में इतना ज्यादा गुस्सा हो जाता है और कुछ जो अभिनेता है अभिनेत्री है वह अभी तक ठीक है और ठीक ही थी और हमेशा शायद ठीक ही रहेंगे और ऐसा ही होना चाहिए ताकि लोगों का एक यह फिल्म इंडस्ट्री पर विश्वास बना रहे और हमेशा के लिए यह चलती रहे और हम जैसे लोगों का मनोरंजन होता रहे तो यह बिगड़ने नहीं चाहिए एक बार बिगड़ने के बाद दोस्तों हो सकता है कि आने वाले समय में यह जो फिल्म इंडस्ट्री है इसके साथ कुछ अनर्थ हो जाए यह बिल्कुल ही समाप्त हो जाए तो दोस्तों यह अच्छा नहीं होगा तो इनको संभाल लेना ठीक होता है हां आपने सही कहा है कि लोगों में बॉलीवुड के प्रति तेरा गुस्सा होता है तो वह इसी कारण से होता है धन्यवाद
लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों है देखिए जब इंसीडेंट हुआ कि सुशांत सिंह राजपूत का निधन जब से हुआ है तब लोगों का गुस्सा भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि सुशांत से बहुत ही अच्छा इंसान है पहले और वह भी बहुत ही अच्छा है फिर भी है उससे ज्यादा वह एक अच्छा इंसान है उनका एक पियूष लोग आज भी उस किए गए हुए आज 7 महीने हो गए हैं पर लोग आज भी उससे बहुत याद करते हैं अपने दिल में बैठा बैठा कर रखते हैं और उनके जस्टिस की मांग की है कि ऐसे इंसान को आखिरी से किन लोगों ने किस वजह से मारा तो बड़ी हो रही एक स्वार्थ है क्योंकि उसके जाने के बाद कोई एक भी उसके लिए नहीं खड़ा है खड़ा हुआ है उसके लिए बोला होगा कि उसको जस्टिस चाहिए कोई एक भी बॉलीवुड में वो जब होते थे तुमको बहुत ही नजरअंदाज किया गया है इसीलिए लोगों का गुस्सा बॉलीवुड पर है
लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों क्योंकि कई बॉलीवुड वाले कई ऐसी फिल्में बनाते हैं जिससे लोगों को ठेस पहुंचती है समाज में परिवर्तन लाते हैं तो किसी के जाति धर्म को मिलाने घटाने की प्रक्रिया में या तो जोड़ना है रिश्ते तोड़ने ऐसी मूवी बनाते हैं तो जिसकी वजह से लोगों का आक्रोश बढ़ जाता है और हंगामा करने लग जाते हैं इस कारण लोगों का बॉलीवुड के प्रति गुस्सा होता है
पूछा गया है लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों है तो दिखे बार बॉलीवुड एक हमारे लिए एक आदर्श प्रस्तुत करते हमारे समाज के छवि प्रस्तुत करता है और किसी नए व्यक्ति की नजरों में या फिर हमारे लिए भी जो समाज में क्या चल रहा है उसका भी एक माध्यम है बॉलीवुड जो हम मानते हैं और उसके बाद जो है बॉलीवुड में इस तरीके की फिल्में बनाई जाती है और इस तरीके के शब्द उपयोग करे जाते से गाने बनाए जाते इसमें बहुत पर बेकार किस्म के शब्द यूज किए जाते हैं और आज के समय में बच्चे वह गाने गाते भले ही उन्हें उन शब्दों का अर्थ नहीं पता वह उस एक्सप्रेशन मूवी के गानों में देखते हैं उसको रिपीट करने की कोशिश करते हैं पर असल में यह काफी बेकार और घटिया चीज अगर हम बात करते हैं फिल्मों की तो फिल्मों में यह दिखाया जाता है कि अगर आप करने लगी कि इस तरीके के वाक्य दिखाए जाते जिसकी वजह से आजकल लड़के बिगड़ रहे हैं सिगरेट और शराब को बहुत ही एक स्कूल होने का तरीका बताया जाता है जो पूरी तरह से गलत है और यही कारण है कि जो लोग अपनी संस्कृति अपने समाज के बारे में सोचते हैं वह बॉलीवुड के प्रति गुस्सा जाहिर करते हैं और इस बस यह है कि आप बॉलीवुड को एक अच्छी तरह मेरे साथ से किसी को भी इसके प्रति नाराजगी नहीं रहेगी उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों प्रश्न है कि लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों है तो दोस्तों बॉलीवुड के प्रति गुस्सा युवाओं में तो नहीं है लेकिन जो इन सब चीजों को समझते हैं उनमें गुस्सा इसलिए है क्योंकि वह प्रत्यक्ष रुप या अप्रत्यक्ष रूप से अश्लीलता को हड़ताल नग्नता को परोस रहे हैं उसमें सोशल मीडिया मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जिसे हम कहते हैं वह भी शामिल है पहले से ही ऐसा चला आता जा रहा है कि हम बॉलीवुड को हीरो हीरोइन बताते हैं वास्तविक में घर में माता-पिता हैं गुरुजन हीरो हैं हमारे और जो आपके कोरना वैरीयस हैं या सीमा पर बॉर्डर पर लगे हुए इतनी कड़कड़ाती ठंड में असली भी हीरो हो है लेकिन शुरू से ही बच्चों को पढ़ाया जाता है मस्तिष्क में सब भर दिया जाता है कि वह एक हीरो है अब उन किसी का बच्चा पैदा हो गया तो उसको इतना हाईलाइट कर दिया जाता है तो बच्चे तो सबके घर में पैदा होते हैं उसकी गंदी गंदी फोटोशूट से होती है उससे पैसा कमाया जाता है क्योंकि कंपनी को पता है कि भारत के लोग इन सब चीजों को पसंद करते हैं फैंस हैं जिसे बोलते हैं लेकिन वह असली हीरो को भूल जाते हैं अपने माता-पिता को गुरुजनों को अपने रिश्तेदारों को और जो बैरियर से हमारी सेवा कर रहे हैं डॉक्टर से और सुरक्षा बल है हमको भूल जाते हैं तो इसलिए लोग बॉलीवुड से गुस्सा रहते हैं और सुशांत का किशन सिंह का केस आया उसमें पैसे बताई थी ऐसी चीजें तो उससे गुस्सा बनना है या कास्टिंग काउच के बारे में लोगों को जब पता चलता है तो गुस्सा बना रहे कारण है कि पहले कि आप चल चित्र देखें मां परिवार के साथ देख कर पूरे शालीनता में मूवीस बनी हुई है और उधर भी करते थे मधुबाला हो गई क्या कोई और हीरोइन सो गई लो आदर करते थे लेकिन अब जो धीरे-धीरे भरता आ रहा है ना आ गई है इसके अंदर सरकार आंसर बोर्ड हटा ले तो हो सकता है कपड़े भी ना पहने हीरो हीरोइन ना के बराबर ही पहनते हैं वह तो इसलिए गुस्सा है इससे हमारी संस्कृति पर एक प्रकार से प्रहार है धन्यवाद
है क्या आने वाले वर्षों में कुछ और बीमारियां पहनना संभव है तो दोस्तों देखिए बीमारी कभी भी अपने हिसाब से ना तो अपने आप फैलती है और ना ही प्राकृतिक रूप से कोई बीमारी होती है हर 10 से 20 साल में एक नई बीमारी जन्म लेती है उसके पीछे का कारण है यह बीमारी बनाई जाती है यानी इन बीमारियों को तैयार किया जाता लैब में सवाल ये की बीमारी को लाइफ में तैयार क्योंकि तो दोस्त देखिए जब भी मेडिकल फील्ड और डॉक्टरी लाइन में जब भी मतदान जाता है तो जो डॉक्टर और मेडिकल की जोर दुनिया की जो बड़ी-बड़ी कंपनियां मिलकर कोई ऐसे वायरस को तैयार करती हैं जिससे कि जो है लोगों का मेडिकल की तरफ ध्यान आकर्षित प्रोसेस है मेडिकल और फील्ड और डॉक्टरी लाइन में जो है काफी हद तक सुधार आता है इनमें से देश शामिल है वह चाइना अमेरिका भी शामिल हो सकता है क्योंकि सन 2009 में अमेरिका से स्वाइन फ्लू निकला था दोनों ने जांच नहीं होने दी थी अपनी ऐसे ही कोरोनावायरस चाइना से निकला तो उन्होंने अपने लैब की जांच नहीं करवाई आने वाले समय में बीमारियां खेलेंगे नहीं खेलेंगे यह डिपेंड करता है कि मेडिकल लाइन को कितना फायदा हो रहा है या नुकसान हो रहा है जो भी उसे साफ से बीमारियां तय होती है जिसमें डब्ल्यूएचओ का भी हाथ होता है भारत का एक परसेंट नागरिक भी नहीं जानता था सैनिटाइजर क्या होता है इसका प्रयोग कैसे किया जाता है कोरोनावायरस के बाद दिमाग का सेंटर कैसे देखे थे और जो है डॉक्टरों की कैसे जो है आपने देखा होगा कि ड्रीम मेडिकल फील्ड में कितना इजाफा हुआ और दूसरा कारण होता है महामारी फैलने का बनाने का किसी देश को गिराना जब कोई विकसित देश सबसे आगे होता है तो जो विकासशील देश होते हैं उनका यह होता है कि इस देश को पीछे करने के लिए कोई नई बीमारी तैयार की जाए उन विकसित ओं की बराबरी की वजह से चाइना ने अमेरिका के लिए किया था तो अमेरिका इस चीज को समझ गया हम कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जो भी बीमारी आने वाली होती है नई बीमारी व प्राकृतिक नहीं होती है वह तो बीमारियां होती हैं वह बायोलॉजिकल जो है सिम बंद हो रहे हैं जैविक हथियार के रूप में या यूं कह सकते हैं कि किसी वैज्ञानिक को दोहरा लैब में तैयार कराई जाती है फिर उसे कहा जाता है नया नाम लिया जा सकता है और उसने नाम के साथ एक नई बीमारी बनती है और उसके जरिए लोगों का पैसा खर्च होता है फिर वह पैसा जो है डॉक्टरों की जेब में और जो है अगर कोरोनावायरस बीमारी नहीं आती तो क्या एक ₹1000 का अब सब टीवी पर लगाएंगे 1000 का सब दिखा लगाएंगे तो दोस्तों देखिए कि कितना जबरदस्त उपाय
हेलो एवरीवन तो आज आप का सवाल है कि क्या बिजली कड़कने पर मोबाइल के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ऋषि जी हां बिल्कुल अगर बिजली या फिर लाइटिंग या फिर बारिश हो रही है बारिश हो रही है बिजली नहीं कर सकती है तो हमें जैसी मौसम खराब हो तो हमें फोन नहीं करना चाहिए भारी सागर बोरीवली हो रहा हूं देखिए क्या होता है जब हम फोन का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे फोन से अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन हमेशा निकलता ही रहता है तो वह बिजली को अपनी ओर आकर्षित करने में मदद करता है तो अगर आप वैसे वैसे समय पर अगर आप फोन चला रहे हैं तो बिजली का झटका आपको लग सकता है और जान तक भी बात आती है तो अच्छा यही होता है कि जैसी मौसम खराब हो बारिश या फिर लाइटिंग हो रहा है तो फोन का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें
हेलो शिवांशु आज आप का सवाल है कि झूठ में नमक डालने से वह मर क्यों जाता है तो देखा कि मतलब गार्डन एरिया में या फिर खेत में अगर कुछ भी पौधा लगाते हैं या तेरे से कोई भी पानी एरिया में तू वहां से मतलब बहुत सारा झुमक दिखता है तो उसे मारने के लिए बहुत सारे लोग नमक छिड़क देते हैं तो आपने देखा होगा कि जब कि सीरिया में पानी गिरा हुआ था वहां पर नमक छिड़कने तो कैसे नमक तुरंत पानी सोख लेता है तो के ऊपर भी जब हम नमक छिड़कने हैं तो नमक सारा पानी के अंदर से सोख लेता है जिसकी वजह से आपने देखा होगा कि जो जो होता है वह बहुत ही पतला और सिकुड़ जाता है मतलब सारे पानी के कि नमक सोच लेता उसके शरीर में अब कोई भी किसी भी तरह का एक भी पानी नहीं होता जिसकी वजह से वह अपना दम तोड़ देता है
नमस्कार आपका सवाल है ज्ञान बांटने से बढ़ता है तो आजकल के लोग ज्ञान को छुपाते क्यों है अगर तभी वैज्ञानिकों ने अपने अपने ज्ञान अधिकारों को छुपाया होता तो आज कैसा होता है कि लोग अपने ज्ञान को छुपाते हैं बल्कि यह बात सच है कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है खुशियां बांटने से बढ़ती है हमें पढ़ना भी चाहिए क्योंकि आप अकेले खुश होकर के अकेले ज्ञान ले करके क्या करेंगे और जो ज्ञान बांटते हैं किसी को तुझ से प्यार बढ़ता है क्योंकि जितनी बार हम जैसे कुछ भी पढ़ते हैं अगर जितनी बार हमारे माइंड में आता है तुझे कितनी बार किसी को बताते हैं उतना ही वह हमें याद होता जाता हूं कभी नहीं बोलता है यह बात बिल्कुल सच है और जहां तक आपका सवाल है लोग अपने ज्ञान को छुपाते हैं इसलिए ऐसा नहीं है कि लोग अपने ज्ञान को छुपाते हैं जबकि वहां पर लोग कुछ बोलने से कतराते हैं जहां पर जैसे कि मान लीजिए कुछ बातें हो रही है उसे लोग अपने अपने ज्ञान को देने में लगे हुए हैं कोई चारा नहीं है ऐसा होता है यह बात सच है कोई गलती नहीं है बस वहां पर कुछ बुद्धिमान लोग नहीं होते हैं बल्कि सभी होते हैं बैटरी को सेवर मोड़ रहने वाले होते हैं जिनको क्वेश्चन आंसर पता है फिर भी वह नहीं बताना चाहते क्योंकि उस पर भी कमेंट हो जाएगा और उन्हें लगता है कि यहां पर कुछ कहने लायक है तू वहां पर नहीं कहते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा नहीं है क्योंकि वहां पर की जरूरत है लोग अपनी अपनी बातों को रखते हैं और रेस्ट सब एक दूसरे से ऊपर बनने की कोशिश करते तो वहां पर कुछ लोग आते हो तेजू नहीं बताता नहीं है कि कोई अपने ज्ञान को छुपाना चाहता है कि क्या करेंगे हमारे ज्ञान से किसी को सद्बुद्धि आती है और अच्छा लगता है तो हमें भी अच्छा ही लगेगा किसी को बताते हुए कुछ भी और किसी को कुछ शेयर कहते हुए और जहां तक बात है अभी का वैज्ञानिक ने अपने अपने अधिकार को छुपाया होता है देखती होगी तो बहुत वैज्ञानिकों ने ऐसा किया और हमारे लिए किया जिनको हम जितनी बार नमन करें वह कम है क्योंकि जितनी टेक्नोलॉजी आई है जो कुछ भी मेरे समझ में ना आए हैं इस धोखाधड़ी बेचैनी को कुछ दिन है जिसकी वजह से आज हमने देख लो जी के साथ अच्छे तरीके से रहते हैं तो नीचे वालों का जवाब पसंद आएगा और जिन्होंने सवाल पूछा था उनको मेरा आभार और बहुत-बहुत धन्यवाद आपका कुछ दिन देकर मुझे अच्छा लगा मिस करते हैं सवाल का जवाब भी पसंद आएगा हमेशा खुश रहिए दूसरों को भी खुश रखें धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों किसी दूसरे के वाईफाई का पासवर्ड कैसे पता करें तो दोस्तों यह एक गलत काम है लेकिन मैं आपको बताता हूं कि कुछ तरीके अपना सकते हैं तो आपको वाईफाई का पासवर्ड पता चल जाएगा दोस्तों काफी सारी वीपीएन एप चाहते हैं जिनसे आप अगर उसका सिक्योरिटी स्ट्रांग नहीं है तो आप उसका पासवर्ड हैक करके पता कर सकते हैं पर दोस्तों आपको मैं घरेलू टिप्स बताता हूं आप जाकर मांग लीजिए वाईफाई का पासवर्ड एक बार आप चाहिए वहां पर एक बार मुझसे अगर पासवर्ड मांग लेंगे तो फिर आप कभी भी चाहे जब चाहे आप उस को कनेक्ट कर सकते हैं तो एक बार जाकर अगर वाईफाई कर लेंगे तो अब उसको हमेशा यूज कर सकते हैं जब पासवर्ड चेंज नहीं करते हैं और दोस्तों का ही तरीके हैं जैसा कि आप जाकर से मांगी जा सबसे अच्छा तरीका तो यही है और आप कंप्यूटर की मदद से भी पासवर्ड को है कर सकते हैं तो दोस्तों अगर आपको जवाब अच्छा लगा हो तो प्लीज लाइक करिए हमारे को सब्सक्राइब करें धन्यवाद
नमस्कार आप ने प्रश्न किया है रिलेटिव प्रोनाउन किसे कहते हैं उदाहरण देकर बताइए यह रिलेटिव प्रोनाउन जिसको हिंदी में संबंधवाचक सर्वनाम कहा जाता है जैसा कि यह सुनने से ही प्रतीत होता है कि यह दो वाक्यों को जो आपस में जोड़ने का काम करता है इसीलिए इसको रिलेटिव प्रोनाउन कहते हैं इलेक्ट्रिक प्रोनाउन बाकी में अपने से पहले प्रयुक्त उचित इनाम अथवा प्रोनाउन के बदले में आकर उस नाउन प्रोनाउन की डेफिनेशन अर्थात धाराओं को रोकता है और उस नोनिया पूर्णा उनका संबंधित अपने से अपने आगे आने वाले शब्द समूह से जोड़ता है इसलिए इसको रिलेटिव प्रोनाउन कहते हैं रिलेटिव प्रोनाउन दो प्रकार के होते हैं या इनका दो प्रकार से प्रयोग किया जाता है पहला प्रयोग किया जाता है जो जैसी चीजें बॉय हेल्प मी इन स्टडी या दूसरी तरीके से प्रयोग करते हैं दिस इज ए ब्वॉय व्हो हेल्प्स मी इन स्टडी इन का जो प्रयोग किया गया है 2 वाक्यों को जोड़ने के लिए वहां पर इनको कंजक्शन कितने भी किया जाता है जैसा कि आपने पहले वाक्य में हो का प्रयोग देखा है और दूसरे में लिस्ट बाय ए जे हेल्प मी इन स्टडी ओं विच डेट होम खोज एवं भट्ट आदि रिलेटिव प्रोनाउन माने जाते हैं और इनका प्रयोग रिलेटिव प्रोनाउन के तौर पर ही किया जाता है यह जवाब अच्छा लगा हो तो कृपया सब्सक्राइब लाइक शेयर और कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद
साहित्यकार, समीक्षक, संपादक पूर्व अधिकारी विजिलेंस
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अंग्रेजी में कुछ नियम बनाए गए हैं ताकि उनमें उनके शब्दों की इंपोर्टेंस को समझा जा सके यशवंतराव यू से गुड बॉय माझा अनुभव नहीं है जैसे कि इस एआईओयू है ना कि इस में एक ही प्रयोग हो तो उसमें लेकिन बहुत सारे उसने उसने बादल में एंड का ही प्रयोग किया जाता है जैसे एक उदाहरण देना चाहता हूं आपको जैसे कमल और मुझे उदाहरण है एक साथ नहीं समझ में आ रहा है लेकिन वह बगल में ए ई आई ओ यू इसमें जो है वह एंड का ही प्रयोग किया जाता है
सारा कि लेट का प्रयोग करते हैं तो इन वाक्यों में जो भी काम करने दिया जाता है चाहे वह करने का वह पढ़ने का हो या कोई काम को ऑब्जेक्ट के बाद प्रयोग किया जाता है जिसे लेट का प्रयोग मुख्य क्रिया की तरह किया जाता है घर में क्यों मैं क्यों राम जाता है तो क्या पर सब्जेक्ट है तो कल शाम के लिए हैं ऐसे शब्दों के लिए लेट का प्रयोग किया जाता है कि नहीं
जी आपका फोन है उसमें और तापमान में क्या अंतर है तो उसमें किसी पिंड या वस्तु की ऊर्जा को कहा जाता है जबकि तापमान उसी पिंड की ऊर्जा के मापन को कहते हैं पहला तो अंदर ही हो गया दूसरा अंतर होता है किसी भी वस्तु की गतिज और स्थितिज ऊर्जा के युवक को संपूर्ण रूप से उष्मा के द्वारा ही बताया जा सकता है यदि किसी पदार्थ की केवल अणुओं की गतिज ऊर्जा को ही ताप कहा जाता है अगला अंतर होता है कि उसमें का प्रभाव गर्म वस्त्र से ठंडी बस्त की तरफ होता है जबकि गर्म वस्त्र का तापमान गर्म करने पर बढ़ता है और ठंडा करने पर कम होता जाता है इसके साथ-साथ ऊष्मा द्वारा कार्य करने की क्षमता होती है जब किताब में कार्य करने की क्षमता नहीं होती है यानी की उस्मा को कार्य में रूपांतरित कर सकते हैं लेकिन हम तो आपको कार्य में रूपांतरित नहीं कर सकते हैं उसमें की मापन की इकाई जून होती है जब किताब की मांग की गई केल्विन होती है उसमें का मापन कैलोरीमीटर के द्वारा किया जाता है जबकि ताप का मापन थर्मोमीटर के द्वारा किया जाता है तुम तो यह जवाब अच्छा लगा हो तो कृपया सब्सक्राइब लाइक शेयर और कमेंट करके बताएं धन्यवाद
बस वाले की ऐसा कौन सा रोग है जो व्यक्ति को तड़पा का भजन MP3 गान करते हैं तो वैसे भी वैसे भी हर लोग जो शारीरिक दर्द और यादें भी होते हैं पर इतना तड़प-तड़प के मरने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन 5 लोग ऐसे हैं जो तड़प तड़प तड़प तड़प के मरते हैं एक स्वस्थ शरीर में गैस की मृत्यु के बजाय जो लोग आत्महत्या करते हैं सिर्फ वही जानते हैं कि धड़कना क्या होता है इंसान तो जल्दी नहीं जाती पर मरते भी जल्दी नहीं तो बीच में कुछ भी हैं तड़प तड़प ना ही रखना है ऐसे लोग जिसको जान ने खुद ने अपनी गलतियों के कारण मिल गया जैसे बीड़ी सिगरेट दारू के कारण टीवी फेफड़ों का सेल अनाज के अंदर अंदर फोन बिना मुंह से बाहर निकलना लोगों के नाटक बदनापुर ते यकीन नहीं होता बस किसी टीवी के मरीज के बाद जाकर से पूछो कि ये हंसी के दौरान ऐसे कैसे लगता है कैंसर और एड्स वालों को अभी हाल में अज्ञात या हादसे का शिकार व्यक्ति जो मरा तो नहीं है लेकिन आधा शरीर टूट फूट मौत के दरवाजे पर खड़े हैं बस करना क्या होता है इससे अच्छा कोई नहीं जानता है प्रेम रोग इंसान जितना भी तड़प तड़प कर मर ता है वह मरता जी ने इतनी मेहनत से लिखा और आप को वोट नहीं लाते हुए दिखने वाला जब तक एयरपोर्ट चेक करा जाता है और खाली हाथ लौटना है सही मालूम है कि तब तक कितना सर दर्द के मरना होता है
नमस्कार दोस्तों प्रश्नों की बाइक स्कूटर पर लगने वाली ठंड से बचने का सबसे अच्छा शहर कौन सा है तो दोस्तों मैं बताना चाहता हूं कि अगर आप गाड़ी बाइक ड्राइव कर रहे हैं स्कूटी बाइक ड्राइव कर रहे हैं इस पर तो सबसे ज्यादा ठंड जो ड्राइव कर रहा होता है उसको लगती है तो और सीधे शादी में ठंड लगती है मैं भी बीच में भी कहीं ड्राइव कर रहा था तो लग रही थी तो मैंने उसका जुगाड़ जुड़ा स्वेटर तो पहने हुए थे जो पहनते हैं उसके पर मोटा सा एक जैकेट मैंने पहन लिया ऊपर बिल्कुल गलाबंद में तो ठंड ना के बराबर लग रही थी ऐसी इसके विंडचीटर खाते हैं पहनने वाले जो हवा को रोकते हैं वह ले सकते नहीं तो घर में कोई बड़ा जैकेट जो गले तक हो मोटे वाले जो जैकेट आता उसको पहन सकते हैं और जो पीछे बैठने वाला व्यक्ति है उसको भी ठंड लगती है ऐसा नहीं है कि उसको नहीं लगती कम लगती है क्योंकि वह आगे ड्राइवर 2 हवा आती है उसको एक तरह से रोक लेता है तो पीछे बैठने वाले को भी जैकेट पहनने या शॉल और अच्छी तरह से वह ले और कान को अवश्य देखें क्योंकि साल में तो कहना होता है कई लोगों ने लेकिन पूरा कान ढकने वाला हेलमेट नहीं पहना अदा करूं पूरा मुंह वाला हेलमेट जिसमें काम भी थक जाते हो पहनेंगे तो उसमें हवा नहीं लगेगी नहीं पहनते तो पिया मफलर से पूरा कान और मुंह को बांध के रखे निश्चित रूप से ठंड नहीं लगेगी धन्यवाद
लोगों में बॉलीवुड के प्रति इतना गुस्सा क्यों है
लोगों में बॉलीवुड के प्रति