हेलो अभिमान तो आज आप का सवाल है कि क्या आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है तो वह देखकर किसी भी चीज की तैयारी करना अगर आपका उस चीज में मन न इंटरेस्ट है आपकी रुचि है तो वह टाइम पास नहीं होता चाहे वह आपका हैबिट्स हो या फिर जॉब को लेकर हो नौकरी को लेकर अगर आप इसकी तैयारी करते तो बिल्कुल भी टाइम पास नहीं है तू अगर सरकारी नौकरी की बात करें तो देखिए जो मतलब वैकेंसी होता है जो प्लेस होता है जो दिया जाता है वह बहुत ही कम होता है कंपटीशन बहुत ज्यादा होता है तब लाखों लाखों में लोग मतलब फॉर्म भर्ती एग्जाम देते हैं तो आपके कुछ हजार मतलब आशीष जी रहते तो बहुत ही ज्यादा टॉप होता है तो इसका मतलब यह नहीं कि हार मान जाना गरीब फील्ड में नहीं मिला तो दूसरे सरकारी फ्रेंड में नहीं मिलेगा हमें हमेशा ट्राई करते रहना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि टॉप है तो क्या बचा मतलब अपनी तरफ से पेस्ट करने की कोशिश करना चाहिए
हेलो एवरीवन आपका प्रश्न है क्या आज कल की युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है नहीं मित्रों ऐसा नहीं है सरकारी नौकरी भी मिलती है लोगों को जो इतनी सारी सरकारी नौकरियां हैं जो पत्र सब लोग हैं तो क्या वे लोग भी जब यह सोच लेते कि हम टाइम पास कर रहे हैं तो वे नौकरी उनको कैसे मिलती हां यह बात जरूर है कि हमारे देश में जनसंख्या ज्यादा है और नौकरियां कम है उसी हिसाब से नौकरियां ज्यादा होती तो शायद और ज्यादा लोगों को नौकरी मिल पाती लेकिन हमें सरकारी नौकरी की तैयारी बिल्कुल करते रहना चाहिए ऐसा गलत नहीं सोचना चाहिए कि यह टाइमपास है अगर आपने अच्छी मेहनत की है पढ़ाई की है और आपका भाग्य ने साथ दिया तो आप जरूर ही सरकारी नौकरी में लग जाएंगे मेहनत करने से कभी भी पीछे मत हटाइए और भगवान का स्मरण करिए तो आपको जरूर नौकरी मिलेगी ऐसी बात नहीं है आप पहले से ही सोच लेंगे कि हम टाइम पास कर रहे हैं तो यह तो गलत होगा इसलिए आप ऐसा मत सोचिए कि टाइम पास कर रहे हैं आप सरकारी नौकरी की बिल्कुल कोशिश कीजिए और उसके तैयारी कीजिए मैं जरूर मिलेगी धन्यवाद
Kisan,Journalist,Marathi Writer, Social Worker,Political Leader.
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क्या आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है ऐसी तो कोई बात नहीं है लेकिन इसमें स्प्राउट बहुत ज्यादा है इसमें एक जगह के लिए 10 10 हजार एप्लीकेंट्स होते हैं और फिर बाकी जो कि जो भी फैक्टस है वह भी कम करते हैं जैसे नौकरी जो है वह पैसे लेकर या किसी रिश्तेदार को अपने जाट भाइयों को देने की जो प्रवृत्ति प्रशासन में है सरकारी नौकरी में है कई जगहों पर पारदर्शिता है लेकिन कई जगहों पर पारदर्शिता नहीं होती है तो ऐसे ही खास करके sc-st की जो सीटें होती है वैसे ही उम्मीदवार नहीं मिला ऐसा चेहरा मारकर उस जगह जो है अपने तो अपने रिश्तेदारों को या जो पैसा देते हैं उनको और नौकरी दे देते ऐसा हुआ करता था लेकिन कुछ हद तक लोगों को नौकरियां भी मिली थी मिलती थी अब ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट है प्राइवेट है लेकिन सरकारी नौकरियां जो है वह पूरी तरह से खत्म नहीं होगी वैसे हमारी सुरक्षा दलों में तो सरकारी नौकरियां रहेगी पुलिस में रहेगी प्रशासन में रहेगी इसलिए कपास के लिए प्रयास नहीं करना चाहिए ऐसी बात नहीं है हम में कॉन्फिडेंस है पूरा प्रणाली है और इच्छा है स्पर्धात्मक परीक्षा परीक्षा होती है उसने भी पहले इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हुए थे जब मैंने जीजा और जब ऐसी बातें सामने आई तो मेरा मूड बहुत खराब हो गया मैं मैंने बाद में कभी नहीं दी यू पी एस सी के एग्जाम नहीं तो मुझे अगले स्टेट के लिए बिहार में एक इंटरव्यू के लिए जाने के लिए रेलवे का टिकट भी आया था वह टिकट मैंने आज तक संभाल कर रख स्वच्छ लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे लेकिन मैं इतना दूर नहीं जा सकता मेरे कुछ शारीरिक प्रॉब्लम भी है उस वक्त तो पहले नौकरी मिलती थी लेकिन प्राइवेटाइजेशन होने के बाद उनकी संख्या कम हो गई है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसकी तैयारी नहीं करनी चाहिए उसके बिल्कुल करनी चाहिए और ऐसे भ्रष्टाचार के सिस्टम को बेनकाब करना जरूर है उसमें भी योगदान हमें जहां चाहिए टाइम पास तो यह बिल्कुल नहीं है इसका कारण यह है कि ऐसी नौकरी की तैयारी करने के लिए हमें बहुत स्टडी करना पड़ता है कंपटीशन कंपटीशन में रहते हुए हमें अपने आप में बहुत सारे कैपेबिलिटी बनानी पड़ती है तो वह कैपेबिलिटीज होती है वह बन जाती है वह दूसरे क्षेत्र के नौकरियों को भी लिए भी उपयुक्त होती है स्टडी होता है जो होता है वो इसलिए यह टाइम पास भी नहीं है धन्यवाद अगर मुझे आपको मेरा जवाब जो है वह अच्छा लगा तो लाइक किया करें धन्यवाद
नमस्कार दोस्तों आप का प्रेस में है क्या आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है तो तो तो वास्तव में तैयारी करते हैं उनके लिए तो टाइम पास नहीं है लेकिन वह तैयारी करने के नाम पर दूर कहीं कमरे पर रहने के लिए चले जाते हैं वहां पर तैयारी करते हैं लेकिन तारीख को कम समय देते हैं और आवारागर्दी कुछ लड़के ज्यादा करते हैं तो उनके लिए तो टाइम पास हो जाता है लेकिन यदि कोई भी लगा कर के मन लगा कर के और सुबह शाम दिन रात संघर्षरत रह करके और पढ़ाई करता है और अपने मेहनत से अपने जीवन को सफल बनाने की हमेशा कामना करता है तो ऐसे लोग जहां तक संभव है वह सफल होते हैं और उन्हें नौकरी मिलती है भाई सोनू से नहीं मिलती भी है और बिल्कुल निकट जाकर के घर भी जाते हैं तो फिर से किसी दूसरे क्षेत्र में वह फिर से अपनी सफलता अर्जित करने के लिए संघर्ष मेहनत लगाते हैं और उसे किसी ने किसी ने तो अपने इन्हें संघर्षरत पांच 7 सालों में उसे मिल ही जाती है नौकरी और यदि रही सही कुछ भी नहीं मिल पाती है तो कम से कम उसे इतना ज्ञान मिल जाता है कि वह अपने खुद का बिजनेस शुरू कर सकता है दुनिया भर का जानू नहीं मिल जाता है लोगों से टकराता है बाजारों बजाता है कोई पेपर देने जाता है और इतनी बार दुनिया देख लेने के बाद में उसे समझ में आ जाता है कि अब हमें क्या करना चाहिए तो वह खुद का चोर या खुद का कोई एक अच्छा अलग सा रुचिकर विषय से संबंधित कोई बिजनेस खोल सकता है कोई व्यवसाय शुरू कर सकता है जिससे कि आप उन्हें काफी अच्छा लगता है और यह जो आपने पढ़ाई की हुई होती है तो वह बेकार नहीं जाती है तो दोस्तों जो अकेले रह कर के जो टाइम सॉरी जो तैयारी कर नौकरी के लिए उसका जो सिंह हो गया ज्ञान है वह कभी भी यूं ही नहीं चला जाता है व्यर्थ ही नहीं जाता है वह कहीं ना कहीं आपके काम आता है जीवन में कहीं ने कभी आपके काम आता है और यदि नौकरी लग जाती है मिल जाती है तो और भी अच्छा है धन्यवाद
जी नहीं आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास नहीं है लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तथा सरकारी नौकरी कैसी भी हो सकती है वह से झाड़ू से लेकर आइए स्पष्ट सिर्फ खतरनाक होती है और बीच में सभी आती है कोई किसी किसी अलग-अलग कानून के अलग-अलग नौकरियां अलग अलग अलग अलग तरह की होती है वह किसी भी तरह करनी है उस व्यक्ति पर निर्भर है लेकिन आज के चमक तैयारी करने वाले का सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाला कभी टाइम पास नहीं करता लेकिन देश टाइम पास कर रहा है
नमस्कार आपने जो प्रश्न किया है उसमें कहीं ना कहीं नकारात्मकता और निराशा अच्छी लगती है जैसा कि आपने प्रश्न किया है क्या आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना क्या टाइम पास है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है जो मेहनत करते हैं उन्हें सफलता जरूर मिलती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती आपने सुना होगा जब हम पहने ही नहीं करते तो कह सकते हैं कि हमें कोशिश ही नहीं की और हमारे मन में एक असफलता मतलब निश्चित हो जाती है लेकिन जब हम प्रयास करते हैं तो कहीं ना कहीं सफलता के परसेंटेज प्रतिशत बढ़ते जाते हैं कोशिश कीजिए कर्म कीजिए फल की चिंता मत कीजिए ऐसा कहा गया है वाकई यकीन कीजिए आप निस्वार्थ भाव से जब किसी चीज को करते हैं बिना फल की चिंता करें तो आपको यकीनन रिजल्ट मिलता है और आपका किया गया हर कार्य व्यर्थ नहीं जाता कहीं ना कहीं वो आपके काम आता है खासतौर पर बात करें शिक्षा से जुड़ी तो शिक्षा कभी व्यर्थ नहीं होती आप किसी से एग्जाम की तैयारी करते हैं तो वह आपके जीवन में हमेशा ही सकारात्मक परिवर्तन लाएगा कहीं न कहीं आपको और अगर आपको अपना हैंडेड 10% देते हैं तो जरूर आप अपने गोल को अचीव कर पाएंगे
बस वाले की क्या चीज अब न सताइए फ्री करना चाहिए टाइम पास से तो मेरे ख्याल से समान कास्ट के लोग जो भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं टाइम पास कर रहे हैं क्योंकि उनको मिलने वाला नहीं है तो कम नंबर आने पर भी लग जाएगा और मन करने लगा धन्यवाद
Youtuber, life coach, spiritual thinker, motivational speaker, social media influencer
1:05
नमस्कार आपका प्रश्न है क्या आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है देखिए इस दौर से मैं खुद गुजरा हूं और मैं यही कहूंगा कि जो आपने प्रश्न किया है वह बिल्कुल सही आप हमें थोड़ा सा भी कहीं पर दिक्कत है और एक से लेकर 34 प्रयास आपने कर लिए हैं उसके बाद भी आपको सफलता नहीं मिली है तो आप अपना समय बर्बाद कर रहे हैं अपना पैसा बर्बाद कर रहे हैं अपना सब कुछ मतलब बर्बाद कर रहे हैं तुम्हारे यही आपको सजेशन दूंगा कि आप उस चीज को छोड़कर कोई अन्य बिजनेस कर ले या कोई प्राइवेट नौकरी कर ले तो ज्यादा बेहतर रहेगा अगर फिर भी आपका मन नहीं मान रहा है आपको यह है दिमाग में बैठा कि नहीं हमको करना ही करना है तो आप कोई साइड से कोई काम करें और उसके साथ-साथ वह भी काम करें धन्यवाद
आपका पति है क्या आज की युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है देखें हर व्यक्ति अपनी अपनी इच्छा होती है हर व्यक्ति एक तरह से नहीं सोच सकता किसी को सरकारी नौकरी पसंद है किसी को प्राइवेट नौकरी पसंद है और किसी को अपना सेल्फ व्यवसाय पसंद है किसी को विभिन्न प्रकार के कारोबार या निवेश पसंद है तो अलग-अलग लोगों की अलग-अलग इच्छाएं हैं अलग-अलग पसंद है अब किसी को अगर सरकारी नौकरी पसंद है तो सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करेगा जिसे नहीं पसंद है तो उसके लिए तो टाइम पास ही कहा जाएगा अगर आपको सरकारी नौकरी पसंद है और आपको लगता है कि आप उसकी तैयारी करने में सक्षम है तभी आप सरकारी नौकरी की तैयारी करें अदर वाइज आपके लिए हर टाइम पास ही रहेगा और अनावश्यक रूप से टाइम पास करना अपने जीवन के क्षणों को कम करना है तो अगर अब नहीं तैयारी करना चाहते तो आना उससे जबरदस्ती तैयारी ना करें उससे बेहतर है कि आप अपना कोई व्यवसाय मैं मन लगाकर कार्य करें और उसी में सफल हो धन्यवाद
आज के युग में सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है जी मेरे हिसाब से तो बिल्कुल हां इस समय में सरकारी नौकरी का कोई भी तैयारी करना या कुछ भी करना टाइम पास ही है तो मेरा कहना सिर्फ इतना है कि कोशिश करें अपना बिजनेस करें चाहे छोटा करें लेकिन अपना बिजनेस करें उसमें आपको हर तरीके की सहूलियत और तरीका मिलता है और आपकी नौकरी में अगर आपको नौकरी करनी है तो या तो आप प्राइवेट भी कर सकती जरूरी नहीं है सरकारी के लिए ही तैयारी करें क्योंकि आज सरकारी और प्राइवेट एक बराबर नौकरी हो चुकी है इंसान पहले नौकरी के लिए सरकारी इसलिए भागता था कि उसको बीएफ फंड और जी आप को पेंशन मिलती थी कि हमारा जब हम नौकरी छोड़ देंगे तो हम को पेंशन मिलेगी लेकिन आज के समय में पेंशन 1995 के बाद में एक कानून और लागू हुआ था जहां 995 के बाद में हुआ था कि 2 बच्चे की जिसके पास 2 बच्चे होंगे वही चुनाव लड़ पाएगा वह उसी की सरकारी नौकरी लगेगी तीसरे बच्चे पर उसकी सरकारी नौकरी जा सकती है और दूसरा ना तो पेंशन मिलती है और खंड पीएफ की बात एक ऐसी है कि आप प्राइवेट जॉब भी करते हैं तो लिमिटेड कंपनी हो तो उसमें भी आपका पीएफ फंड मिलता है तो आप सरकारी या प्राइवेट दोनों में से कोई सी भी कर सकते हैं लेकिन जिस तरीके से आप पैसा बर्बाद अपना करते हैं सरकारी जॉब के लिए स्त्री की तैयारी उस तरीके यहां यहां कोचिंग करना वहां कोचिंग करना यहां तैयारी वहां तैयारी करके तो आप वह बिल्कुल बेकार कर रहे हैं अगर आपको कोई उम्मीद दिखती है या आपका कोई भी उस रिलेटिव गवर्नमेंट जॉब में है तो आप तैयारी करते हैं अगर आपको लगता है कि वह कोई जुगाड़ लगाकर लगवा सकते हैं तो आप बेशक करें अन्यथा मेरे हिसाब से आप जिसमें आपको अच्छा लगे आप प्राइवेट जॉब भी कर सकते हैं क्योंकि अगर आपकी कोई भी जुगाड़ या कुछ भी अभी जानकारी नहीं है तो आप का कुछ नहीं हो सकता है आपकी लग नहीं सकती है और ऐसी भी नौकरी क्या करना जिसमें पहले से ही और सरकार आज सभी कम सरकारी और प्राइवेट कर ही रही है रेलवे भी प्राइवेट कर दी क्योंकि यह बिक रहे हैं उस तरीके से प्राइवेट हो रहे तू कोशिश करें क्या प्राइवेट ही काम करें कोई और हो सके तो सबसे अच्छा सबसे बेस्ट आप अपना खुद का भी निस्तारण
यह प्रश्न काफी अच्छा है और इस समय में काफी ज्यादा मैंने यूट्यूब को मैं सर्च कर रहा था काफी सारी मैं अपॉर्चुनिटी जो है यूट्यूब में तलाशने की कोशिश कर रहा था और मुझे कुछ चीजें मिली है जो कि मैं इस माध्यम से आपको बताना चाहूंगा सबसे पहली चीज जो मुझे यह देखकर मिली पूरे यूट्यूब में जो मैंने इस समय जो मैंने ट्रेन जो मैंने आपसे किया उसमें यह तय किया कि लगभग आपको हर कैटेगरी में कांटेक्ट जो है मिल जाएगा तो अगर आप यह सोच रहे हैं कि कोई आप पार्टी कूलर विषय पर आप पर कांटेक्ट बनाना चाहते हैं तो यह एक बेड चॉइस है उस पार्टी कूलर विषय पर जिस पर अभी कांटेक्ट नहीं प्रेजेंट है यह गलत तरीका है यूट्यूब को अप्रोच करने का यूट्यूब को अप्रोच करने का सही तरीका क्या है कि आप किस में आते हैं समझदारी आपको बात आप किस में अच्छे हैं हो सकता है आप पॉलिटिक्स में अच्छे हो हो सकता टेक्नोलॉजी में हूं लेकिन अगर आप टेक्नोलॉजी मछली और अगर आप पॉलिटिक्स जिस पर मान लीजिए कॉन्टेंट की कमी उस पर अगर आप कांटेक्ट बनाएंगे तो कभी आप पापुलैरिटी नहीं खेल कर पाएंगे क्यों क्योंकि आप उसमें प्रोफिशिएंसी नहीं है तो मेरे कहने का संदर बहुत इतना सा है कि यहां पर आपको विषय वह चुनना चाहिए जिसमें आप बहुत अच्छे हैं पहली चीज दूसरी चीज जो विषय जो हो वह बहुत ब्रॉड नहीं होना चाहिए बहुत ही छोटा सा ऑडियंस पकड़ी है जैसे एक बहुत छोटा सा ऑडियंस पकड़ने की बात यह है कि मान लीजिए अगर आप टेक्नोलॉजी के वीडियो बना रहे हैं हर तरीके की टेक्नोलॉजी की बात करने के बजाय सिर्फ आप मोबाइल ऐप्स की बात करिए कि मेरा चैनल सिर्फ मोबाइल एप्स के बारे में इंफॉर्मेशन अच्छी-अच्छी देगा ठीक है ऐसे ही अगर आप मान लीजिए पढ़ाई लिखाई हमारी एजुकेशन में कुछ करना चाहते हैं तो उसमें कितनी पकड़ी है माली जी आप बस दसवीं के बायोलॉजी के लेसन डालिए आर्मी के या 12वीं के सिर बायोलॉजी के डाली है सनम क्या बायोलॉजी भी डाल रहे मैच में डालने फिजिक्स में डाल रहा है तो उसमें आप इतने अच्छे से नहीं गुरु कर पाएंगे यूट्यूब पूरा इसी मॉडल पर्वत करता है कि आप इतनी ऑडियंस पकड़ी है आप भी तो पकड़ी है जिसमें आप बहुत अच्छे हो और बहुत कोरोनावायरस में आप की क्वालिटी होनी चाहिए उसमें आपको कांटेक्ट कोडिक करते चले जाना है इसके साथ-साथ एक जो मैंने खास चीज अभी मैंने अप्रैल की है यूट्यूब जो है शॉर्ट्स को बहुत ज्यादा प्रमोट कर रहा है और साथ-साथ ऐसे वीडियोस को प्रमोट कर रहा है जो भी लैस दिन 1 मिनट के हैं और मेरे फील्ड में ऐसे बहुत सारे वीडियो जाएं और मैंने ऐसे बहुत सारे क्रिएटर्स देखे हैं जिनके 5050 की सब्सक्राइबर हो गए जो रात और रात वायरल हो गए हैं ऐसे मैंने देखे जिनका चैनल कुछ नहीं है उनसे बहुत अच्छा कांटेक्ट अवेलेबल है यूट्यूब पर लेकिन वह चुकी हूं वीडियो शॉट है छोटे हैं तो यूट्यूब उसको बहुत ज्यादा प्रमोट कर रहा है और लोग उसे देख भी रहे और वहां कांटेक्ट भी बहुत ज्यादा कम है फिर से एक आऊंगा कॉन्टेंट कम है इसका मतलब यह नहीं है कि आप वह कैटेगरी चुने जहां पर यूट्यूब के पास कॉन्टेंट कम है आप वह चुने जहां पर आप अच्छे हैं क्योंकि जहां पर आप अच्छे होंगे वह आपका मन भी लगेगा और बहुत तेजी से गुरु कर पाएंगे धन्यवाद
और आपका पोस्टिंग नेता सुभाष चंद्र बोस जी के बचपन का नाम क्या था नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हिंदू परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभाव प्रभावती था जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे पहले भी सरकारी वकील थे मगर बाद में उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी शुक्रिया
बेस्ट है दुनिया का सबसे पहला पुल कहां पर बना बोगीबील पुल इस मायने में खास है कि इस पर ट्रेन भी चलेगी और इस पर बने हाईवे पर कार भी और ट्रक भी दौड़ सकेंगे 4.94 किलोमीटर की लंबाई वाले होगी बिल्कुल की खासियत है कि यह वेल्डिंग कर बनाया गया है इस तरह का और इतना लंबा रेल और रोड पुल भारत में पहला है शुक्रिया
यह सवाल अशोक जी के द्वारा पूछा गया कि दोस्तों जिस तरह की तरह किसान फसल उगाना जानता है और फसल काटना भी ठीक उसी प्रकार जानता है उसी तरह देश की सत्ता सौंपना भी जानता है और सत्ता लेना भी जानता है हकीकत बात है क्योंकि इस देश की किसानों के साथ-साथ देश के हर एक लो इस किसान भाइयों से जुड़े हैं क्योंकि हमारे देश की 70 परसेंट जनसंख्या गया है किसानों पर निर्भर है किसानों की उपजाऊ हुई चीजों को खाकर हम अपनी जीवन जीवन को चलाने का काम करते हैं तो कहीं ना कहीं हम कहा जाता है कि भारत में लोकतांत्रिक देश है और लोगों के हिसाब से ही हम श्रद्धा को चुनते हैं तू एक किसान जिस तरह से सत्ता चुनते हैं उसी तरह से गिराने का भी काम करते हैं मतलब अगर एक समय मेहनत करें तो एक अच्छी से अच्छी फसल उगा सकते हैं और मेहनत करते हुए भी चाहेंगे कि कम से कम फसल भी हुआ सकते हैं क्योंकि उनकी डिपेंड होते कितना मेहनत करें कितना लगन करेंगे थोड़ा सा कम मेहनत करेंगे तो कम उपज होती है लेकिन मैं आपको बता दूं की सबसे अच्छी बात यह है कि जो भी किसान है अगर सत्ता में लाना चाहते हैं तो लाना जानते हैं तो सत्ता से गिराना भी जानते हैं मैं बस यही कहूंगा दोस्तों की फसल जितना भी किसान मेहनत करते हैं और इसका रिजल्ट हमें मिलता है कि हमें सस्ते से सस्ते अनाज मिलता है उसी तरह इस देश का जो आंदोलन चल रहा है किसान भाइयों का ही नहीं इस पूरे देश का किसान आंदोलन है और उसका आने वाले समय में इसका रिजल्ट सभी को देखने को मिलेगा और मुझे विश्वास है और मैं ही कहूंगा कि इसका रिजल्ट बखूबी सबके सामने आएगा जो लोग नहीं जानते हो वह भी जान जाएंगे
प्रश्न है क्या भारत के प्रधानमंत्री किसान कानूनों को वापस लेने का कोई बहाना ढूंढ रहे हैं ताकि करोड़ भी वापस हो जाए और किसी तरह का कोई दिक्कत भी ना हो तो दिखे फ्रेंड्स क्या अभी भी सरकार और किसान के बीच मतभेद बना हुआ है और अभी कानूनों को लेकर अभी भी सरकार अपने वादों पर अड़ी हुई है किसान भाई लोगों अपने बातों पर लड़ाई हुई तो देखिए शायद कल ऐसा कुछ निर्णय आए जो लगे कि 25 जनवरी को शायद किसानों के हित में कुछ बातें हो सकती हो तो कल का दिन देखने को रहेगा कि हां कैसा समय रहता है किसके पक्ष में क्या बात है आती है और तो अभी देखा जाए तो भी दोनों लोग अपनी अपनी बातों पर अड़े हुए हैं और देखा जाए तो कल का दिन बहुत खास रहेगा धन्यवाद
रचना है कि क्या आप मुझे चटपटा हेल्दी सैंडविच बनाने की विधि बता सकते हैं तो मैं आपको बता सकता हूं सबसे पहले कुछ आवश्यक सामग्री है जो आपको चाहिए यह तो ताजा ब्रेड आप रिप्लाई से चलेंगे 10 को नींबू का रस से एक टीस्पून लेंगे गाढ़ा दही भी आधा कब होना चाहिए उसके बाद आप टमाटर ले लेंगे एक टेबल स्पून में उसके बाद नामक चाट मसाला एवं काली मिर्च पाउडर आप पर जो नमक जो है स्वादानुसार ले सकते हैं इसके बाद से कटे शिमला मिर्च और प्याज आधा कप मिलाजुला होना चाहिए बनाने की विधि की बात करें तो दही में नींबू का रस डालकर रखें और उसे अच्छी तरह से फिट यानी मिला दे और एक कर ले और थोड़ी देर के लिए फ्रीज में आप रख दें एक कटोरी में शिमला मिर्च और प्याज नामक चाट मसाला और काली मिर्च पाउडर डालकर उसे चम्मच से मिलाते रहे अब इसमें दही वाला जो मिलावट है यानी मिश्रण है उसको अंत में कैसा पानी डालें और अच्छी तरह मिलाकर 10 मिनट फ्रीज में रखे ब्रेड के किनारों को काट ले पांच ब्रेड पर बटर की परत लगाने के बाद थोड़ा-थोड़ा टमाटर केचप लगाकर वैसे ही छोड़ दें इसके बाद जो है बाकी के 5 ब्रेड को किसी कटोरिया गोल्ड ढक्कन की सहायता से बीच में काट कर निकालने ब्रेड सेव वॉटर होने के बाद चौकोर टुकड़े को रख लें इसके बाद अब मक्खन लगा दी रेट के ऊपर कट किए हुए चाकू और ब्रेड जिसके बीच में खाली जगह बन गई है रहकर हल्के हाथों से दबाया था कि वह चिपक बीच के खाली जगह को मिलावट से भर जाए ऊपर का थोड़ा सा के चक डालकर सजा दे इस तरह आपका जो है आज ब्रेड के सैंडविच तैयार हो जाएगा अगर आप ब्रेड ओके संख्या बढ़ाना चाहते हैं तो उनके अनुसार मात्रा को भी बढ़ा सकते हैं
सच में गम भरे गाने मोड कभी कबार ठीक करते हैं कभी कबार जो ठीक होता है उसको भी पर्स में डाल देते हैं कभी बार ऐसी गाने आते हैं सोनू के मन ऐसा करता है कि यार ऐसा गलत हो गया अपने ऑटोमेटिक दूसरे अलग नेगेटिव ख्याल आते मन के अंदर और कभी-कभार ऐसी भी गाने होते हैं उनके मन होता है अपने आप ही और कुछ अलग करने का आदर होता है और कभी तो बार ऐसा भी होता है कि मूड पूरा ही आउट ऑफ हो जाता है फिर कुछ भी दिमाग में नहीं आता फिर नेट नहीं चलता है तो दिमाग के अंदर ऐसा है
रेशम की डोरी डोरी किस से बनती है और कैसे बनती है रेशम प्राकृतिक प्रोटीन से बना रखा है रेशम के कुछ प्रकार के देशों में वस्त्र बनाए जाते हैं यह प्रोटीन रेशों में मुख्यता फाइब्रॉइड होता है यह रेशे कुछ कीड़ों के लार भी द्वारा बनाया जाता है सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लावे द्वारा बनाया जाता है प्रस्तावना रेशम कोसते कच्चे रेशम रेशम दूध बाजार में अलग-अलग डोनियर में उपलब्ध होता है रेशमी सूट में पाटनी शालू शॉपिंग साड़ी प्यारी प्रकार के रेशमी कपड़े होते हैं इसके
नमस्कार आपका सवाल है कि अगर आपके घरवाले आपको बोलनी थी आपको या काम करना है आप उस समय मैं बिजी नहीं रहते हैं तो आप दूसरे काम मेरे से होते हैं तो आप कैसे करें क्या करें मेरे कि मेरा मानना है कि अगर हमारे घर पर उसे बोलते हैं कि आप कोई काम करना है और मेरा मन नहीं है फिर भी उनकी इच्छा के मुताबिक उनका नाम रखने के लिए उस काम को करने की कोशिश करूंगी और नहीं हो पाएगा अगर बाई चांस मेरे को काम मेरे से नहीं हो पाता है बोल दूंगी काम में करने की कोशिश कर रहे हो मेरे से नहीं हो रहा है काम तो दूसरा काम जो मेरे पसंद का काम था उसको मैं बोलूंगा अगर इस तरह का काम कोई होता तो मैं अवश्य कर लेती जैसी बात है कि वह मेरे को दे दो जी को देखते हुए वह मुझसे अवश्य देंगे फिर से आंखों में काम करो क्योंकि इस तरह से देखें उनका काम तो उनकी बातों से मिलना भी नहीं कर रही और अपना काम भी कर रहे हो जो मुझ में रुचि मैं जिस में रखती हूं तो मेरा मानना है कि हर किसी को अपने घर वालों की बात माननी चाहिए आपकी मर्जी हो या ना हो उसे कोशिश करो कितनी कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती तो तुम कोशिश करेंगे तो कार्य असंभव काम भी कारण ही संभव हो तो कोई भी कार्य संभव नहीं होता है और रुचि की बात रहेगी अपनी पसंद की कोई जरूरी नहीं है कि आपकी जो रुचि का ध्यान आपके माता-पिता की घरवाली ना रखी है काम आप कर लीजिए मुझे लगता है कि हम सभी को ऐसा ही करना चाहिए धन्यवाद
हरि ओम नमस्कार दोस्तों सभी सज्जनों को मेरा नमस्कार सजनवा आपका प्रश्न है सरसों का साग कैसे बनाया जाता है कि कुछ और तो सबसे सरल सब्जी है सरसों का साग और भिंडी इमली ज्यादा चटपटे की जरूरत नहीं होती है इनमें खा लिया आपने दो चम्मच तेल डाला ऑफिस में जीरे का तड़का डाला डेरा डाले उसमे आपने उसमें रचाने पति डालें और फिर आपने नमक मसाला मिर्ची वड़ा डाल कर के और सरसों का साग तैयार हो गया अभी वर्तमान में सरसों दा साग मक्के दारौंदा मक्की की रोटी रहते ही अच्छी बहुत बढ़िया है आप भी खाएं हम तो क्या खाते हैं और खेती बारी है लेकिन आपकी वजह से मैं बात करके खा सकते हैं आनंद में रहे व्यस्त रहे जय माता दी
आपका सवाल है किन कारणों से कुछ लोग कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं देखिए कोरोना वैक्सीन हमारे देश में जो है क्या पूरी दुनिया में कोरोनावायरस फैला इससे बहुत लोग पीड़ित हैं बहुत लोग लोगों की मृत्यु हो चुकी बहुत से लोग ठीक भी हो चुके हैं तो यदि यह कहा जाए करो ना का वैक्सीन फलादेश निकाला फलादेश हमारा देश निकाला तो फिर यह सरकार क्यों नहीं गारंटी लेती है वह कंपनी क्यों नहीं गारंटी लेती इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा लोगों में यह एकदम परफेक्ट है क्रोना के लिए फिर कोरोनावायरस तो यदि सूची कोरोनावायरस ना बड़ा अगर बीमारी होता तो लोग बिना वैक्सीन को कैसे ठीक होते करोड़ों करोड़ों में कैसे ठीक होते करोड़ों की संख्या में हमें सोचना समझना है निकाला उसे प्रमाणित करें प्रमाणित करेगा जब प्रकाशन करेगा तभी ना उसका लोगों के अंदर लोग अध्ययन करेंगे और उसको समझेंगे और उसको इस्तेमाल करें धन्यवाद
जी आपके सवालों की क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता है तू क्रिकेट में फॉलोऑन इसे कहते हैं जब किसी एक टेस्ट टीम ने पहले बैटिंग करते हुए ज्यादा रन बना लेती है और दूसरी टीम के नंबर आता है तब पहले बनाए हुए रंग नहीं बनते हैं तब उस टीम को एक बार फिर मौका देते हैं कि वह दूसरी बार वैलेंट बना पाए कि सिंह पहलवान करते हैं धन्यवाद
क्या आपका प्रश्न ही कठिन समय में अपने दिमाग को कैसे शांत करें दिखी गहरी सांस लेने का अभ्यास करें यदि पी यह सुझाव आपको अजीब प्रतीत हो रहा होगा पर गहरी सांस लेने का अभ्यास आपके मस्तिष्क को शांत रखने में असर जनक रूप से कारगर है इनका प्रतिदिन अभ्यास करें और तनाव के समय में यह उसे कम करने में मदद करेगा अपने मुंह को बंद कर नाक से गहरी सांस लें
मार्केट के अंदर देखी आजकल ऐसे टीवी मौजूद है जिनके अंदर हम इंटरनेट का यूज कर सकते हैं यानी कि हम ऑनलाइन जो वेब सीरीज होती है मूवीस होती है वह देख सकते हैं और वही आने वाले 3000 सालों में जितने भी टीवी चैनल सोते हैं यह सारे लोग टीवी पर डाटा की मदद से ही देखा करेंगे यानी कि इंटरनेट की मदद से ही देखेगी और आपने यह भी देखा होगा कि जितने भी स्मार्टफोन होते हैं उनके अंदर जो टीवी चैनल सोते हैं यानी कि जो टीवी चैनल प्रोवाइडर सोते हैं उन्होंने अपने आप बना रखे हैं जिनकी मदद से हम उन सभी टीवी चैनल को एक्सेस कर सकते हैं तो देखिए तीन-चार सालों में मुझे लगता है कि ऐसा ऐप ईटीवी के लिए भी बना दिया जाएगा ताकि लोग ऑनलाइन ही अपनी टीवी के अंदर सभी चैनल को एक्सेस कर सके तो इसमें कोई शक नहीं है कि फ्यूचर के अंदर सभी चीजें इंटरनेट की मदद से ही कनेक्टेड होगी धन्यवाद
सवाल है क्या शास्त्रों के अनुसार गुरु को त्याग सकते हैं देखिए आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार गुरु वही माना जाता है जो स्वयं में ज्ञान का सागर समेटे हुए हैं ऐसा गुरु जिनकी कथनी और करनी में अंतर हो अर्थात जो अपने शिष्यों को तो शिक्षा देते हो लेकिन वही सीख उनके आचरण में ना हो ऐसे गुरु का त्याग कर देने में ही आपकी भलाई है विद्या के अभाव में जी रहा व्यक्ति कभी भी अच्छा गुरु नहीं हो सकता है धन्यवाद
जी आप का सवाल है कि तांडव वेब सीरीज में के बारे में आपकी क्या राय है तो जो भी अभी वर्तमान में चर्चा में तांडव एब्सली चल रही है इसमें मेरे ख्याल से हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है और साथ ही ऐसे पूरी जनता पर इसका बुरा असर पड़ता है किसी भी धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए तो मेरे ख्याल से यह जो भी फिल्म बनी है वह गलत
सुनील कुमार चौधरी जी के माध्यम से यह अनुरोध इस प्रश्न आया है कि पहाड़ पर चढ़ते समय मनुष्य आगे की तरफ क्यों झुक जाता है पीछे तरफ क्यों नहीं छुपता देखिए आपने फिजिक्स से यानी बहुत तेजी से यह प्रार्थना किया है हम लोग पढ़ते हैं पहाड़ हो या सीढ़ी हो वहां भी हम आगे झुकते हैं और इसका मुख्य कारण है कि ग्रेविटेशनल फोर्स काम करता है जिसको हिंदी में गर्भवती औरत या केंद्र कहते हैं कि होता है कि आगे हम इसलिए झुकते हैं ताकि हमारा ग्रुप व केंद्र है और उनके पांव के बीच से होकर जो गुजरता है तथा जो अधिक संतुलन आती तो प्राप्त होता है इसे या नहीं आपको एक अस्तित्व प्राप्त होता है कि आप अपना बैलेंस बना रखे और हम सभी जानते हैं कि यह पृथ्वी जो है ग्रेविटेशनल फोर्स पर ही आधारित है यानी कोई भी चीज हम ऊपर फेंकते हैं तो नीचे आता है इसी प्रकार हम लोग गुरुत्वाकर्षण केंद्र के वजह से इस पृथ्वी पर बने हुए हैं नहीं तो हम ऊपर उड़ जाते और शायद ऐसा होता लेकिन इसके वजह से जो है हम लोग पृथ्वी पर बने हुए हैं यही मुख्य कारण है कि जब हम सभी पर या जो भी उचित स्थान होते हैं वहां चढ़ने के लिए हमें आगे के झोका करना होता है और पीसा की झुकी हुई मीनार इसी पर काम करता है जैसे आप देखे हो ना कि पीसा की झुकी मीनार जो है झुका हुआ रहता है तो उसके बीच बीच में ₹1 स्थाई के अंदर जो है काम करता है जिसकी वजह से वह गीता नहीं है जबकि झुका हुआ दिखाई देता है ठीक उसी प्रकार जो है शिर्डी या पहाड़ पर चढ़ते समय हमारे साथ ऐसा होता है मुझे लगता है कि आपके प्रश्नों के जवाब दे दिया है धन्यवाद
सिवान तो आज आप का सवाल है कि क्या पूजा करने के लिए भी कोई नियम होते हैं तो देख मेरे हिसाब से अगर आपको मतलब कभी कदार होता है क्यों देर से उठते हैं या फिर रात में कोई काम पड़ जाता है जिसकी वजह से नींद नहीं खुल पाती है तो ऐसा नहीं कि आपको सुबह 7:00 बजे से मेरे बहुत सारे दोस्त हैं क्या मतलब उनको अगर उसके मम्मी पापा अगर बोलते हैं की पूजा करनी चाहिए और वह लेट उठते हैं या फिर खेलने घूमने चले जाते तो ऐसा नहीं कि वह गलत समय पर नहीं कर पाते पूजा तो दोपहर में या फिर उसके बाद में करते कर ले तेरे हिसाब से अगर ऐसा कोई सलूशन कभी हो जाता है तो आप लेट ही कर सकते हैं लेकिन कुछ नहीं है मैं जैसे की चप्पल पहन कर रही क्योंकि एक तरह का डिस्टेंस वेक्टर और एक तरफ अच्छा चीज नहीं है क्योंकि जब भी हम किसी चीज को बहुत ही दिल से और अच्छे से मानते हैं तो वहां पर चप्पल और फिर ऐसे हंसना खिलखिलाना ध्यान के समय जानबूझकर ऐसे में जबरदस्त शीला है मन नहीं कर रहा है सब करके नहीं करना चाहिए सबसे इंपॉर्टेंट जो मुझे लगता है कि चप्पल पहन चली जाना चाहे तो यह कुछ नहीं है मेरा और टाइम का अगर आपके पास अगर टाइम में इधर-उधर हो जा रहा है तब भी खराब ध्यान करना चाहे पूजा करना चाहे तो जिस समय आपको इतना टाइम मिला आंख खुली उसमें भी आप कर सकते हैं
जब किसी की मृत्यु होती है तो उस कहते हैं पढ़ लो बासी हो गया है या दिवंगत हो गया है या स्वर्गवासी हो गया है या बैकुंठ लोक गया है क्या वह शुद्ध पहुंच गया है जब पंचतत्व में विलीन हो गया है कि विभिन्न प्रकार के शब्दों के अर्थ वही है और पशु पक्षी कहने से तात्पर्य होता है कि वह हिंदू धर्म में हमेशा मानते हैं कि सब कुछ भी मृत्यु होती है तो उसके लिए हम कहते हैं कि 10 वर्ग को किया है वह बैकुंठ लोक को गया है अर्थात भगवान के पास में जाना ही हमारा परमार्थ है हमारा हमारे जन का सार्थक प्रयास है और इसी को मोक्ष कहते हैं जब मानव आवागमन से मुक्त हो जाए तो वह मुक्त कहलाता है और यही जीवन के चौथे प्रशांत है जिसे हम धर्म अर्थ काम मोक्ष कहते हैं तो यह जो है जीवन का अंतिम और शाश्वत परम प्रशांत है
बिटिया दही शब्द की परिभाषा को याद करें और उसका उत्तर दें दहेज शब्द की परिभाषा यह है प्राचीन काल में जो दही दिया जाता था उसका कारण यह था कि बेटी वाला पसंद हो करके अपनी बेटी को नया जीवन जीने के लिए उसके रिश्तेदार उसके भाई बंधु और कुछ सेम जो कुछ देता था वही चलाता है लेकिन आज जो तुम देख रहे हो वह दहेज नहीं दहेज का भयंकर रूप है यह राक्षसी करते हैं आप किसी बेटी वाले को मजबूर करें कि वह 4000000 या 50 लाख दे अपनी जमीन जायदाद भेज दें क्योंकि उसे अपनी लड़की के लिए सुयोग्य वर ढूंढो क्योंकि उसे सुयोग्य पात्र चाहिए मैं आपसे सहमत हूं आप यह कह रहे हैं कि मैं भी पढ़ा लिखा और नौकरी वाला मत ढूंढ लेकिन एक बात बताइए बेटे क्या समाज में यदि हम बिना दहेज के नहीं जी सकते हैं आप दहेज के बल पर ही यह कह रहे हो आज किसी भी लड़के की नौकरी लग जाती तो उसके बाप की लॉटरी खुल जाती है वह अनाथ धूम धूम खोल करके मांगता है यदि पहले दहेज नहीं था तो क्या वह भोजन नहीं खाते थे लिखित संतोष बढ़ती चली गई है यह कहिए मान्यता मिल चुकी है क्या विवाह करने का मतलब यह है कि उस लड़की के पैर पक्ष को पूरी तरह से मिटा देना बर्बाद कर देना उसकी जमीन जायदाद बिकवा देना जो बेटी वाला और रिश्तेदार यदि खुशी से देते हैं जीवन जीने के लिए तो मैं सोच रहा हूं अनिश्चित नहीं है लेकिन किसी को बात भी किया जाए
कल पूछा गया है क्या भावना इंसान को कम सूट बनाते हैं तो देखिए एक के दो पहलू सकते हैं जो व्यक्ति भावना प्रधान व्यक्ति होता है वह अपने से पहले दूसरों का दुख महसूस कर लेता है वह बहुत जल्दी किसी भी चीज पर पिघल जाता है और उसके अलावा जो है जो इसको कमजोरी के तौर पर देखने का भी हो सकता है कि वो व्यक्ति भावना प्रधान होता है वह कमजोर होता है वह कभी अपने मतलब अपने हित का पहले नहीं सोच पाता तो यह आपके और हमारे देश के पहलुओं का जो है परिणाम है कि हमें कह सकते कि जो भावनाएं इंसान को कमजोर बनाती है कई लोग इसी भावना प्रधानता को बहुत बड़ा जो बोल सकते नहीं की विशेषता के तौर पर देखते हैं और कई लोग इसको कमजोरी के तौर पर देखते हैं और मेरा यह मानना है कि एक भावना प्रधान व्यक्ति होना बहुत जरूरी है जहां जैसे माहौल में हर कोई सिर्फ अपने बारे में सोच रहा है अपने अहम को अपनी ईगो को नोटिस कर रहा है अपनी रुको सेटिस्फाई करने के लिए लोगों को तकलीफ पहुंचा रहा है ऐसे में भावना प्रधान व्यक्ति से कई गुना ज्यादा बेहतर होता है उम्मीद करती हूं आपको मेरा जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
क्या सरकारी नौकरी की तैयारी करना टाइम पास है
सरकारी नौकरी की तैयारी करना