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सुप्रभात मित्रों दूसरों का आदर करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि प्रत्येक मनुष्य चाहता है कि मेरा अदर हो हम भी चाहते हैं कि हमारा कोई सम्मान करें आदर करें जब हम सुंदर चाहते हैं तो मैं दूसरों का आदर करना पड़ेगा क्योंकि यह तो अब जब हम आदत देंगे ताकि हमें वापस मिलेगा प्रकृति का नियम है आप जितना देंगे उतना ही आपको मिलेगा जितना आप अर्पित करेंगे उतना ही मिलेगा चाहे आप दान कर रहे हैं चाहे आप आदर करेंगे चाहे आप मीठा बोल रहे हैं ऐसा हमला कर रही है जितना आप लोगों का सम्मान करेंगे आदर करेंगे लोग आपका उतना ही सम्मान करें धन्यवाद
हेलो सर नमस्कार जैसा कि आपका प्रश्न है दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है लेकिन फ्रेंड दूसरों का आदर करना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब हम किसी दूसरे इंसान को रिस्पेक्ट देती है उसे आदर सूचक शब्दों के साथ बुलाते हैं बैठ आते हैं प्रेम पूर्वक बाहर करते हैं तू वही चीज ही तो है हमारे पास लौट के आती हैं देखें फ्रेंड प्रकृति का नियम है जो आप किसको दोगे जो आप सामने वाले को दोगे वह आज नहीं तो कल वह आपके पास लौट के आने ही क्योंकि आपने सुना होगा कि पृथ्वी गोल है और गोल होने के कारण है जो खून घूमती रहती है तो इस संसार में इस पृथ्वी पर लोग जो है कहीं कहीं कहीं किसी न किसी रास्ते पर आपसे मुलाकात जरुर होगी इसीलिए लोग कहते हैं कि अच्छा व्यवहार करना चाहिए अच्छी संगत में रहना चाहिए सोचना सोचना चाहिए इसका असर यह पड़ता है पिंकी जब आप अच्छी सोच में रहेंगे अच्छे समाज में रहेंगे अच्छे वातावरण में रहेंगे तो आप जो आदर सूचक शब्दों का प्रयोग करेंगे वह अच्छा लाजमी है कि जैसा कि अभी हमने बताया कि जो चीजें आप दूसरों को देंगे वही चीज लौट के आएंगे अगर आप आदर सूचक शब्द देंगे आदर प्रेम भाव से लोगों के साथ रहेंगे तो कहीं भी आप उससे मुलाकात होगी तो वह भी आपको आदर से ही मारेगा वह भी आपको आदर सूचक शब्दों के साथ ही पुकारेगा यह नहीं है कि हम किसी को आदत दे रहे हैं हम बहुत ही प्रेम से भैया भैया या फिर अंकल अंकल बोल रहे हैं या फिर बड़े बाबू जी बोल रहे हैं या फिर जिस प्रकार की चीज होती है उस हिसाब से जो है वह से आदर सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो वह कहीं पर हमें मिलता है तो यह नहीं है कि हमें गालियां देगा या फिर हमारे नाम को रेलवे ठीक है कि बुखारी का ऐसा नहीं है जो हम उसे पुकारे रहेंगे जिस तरीके से हम उसका सम्मान करेंगे सिर्फ वही पोजीशन जो है हमारे ऊपर भी लागू होती है इसीलिए लोग बोलते हैं कि दूसरों का आदर करना जरूरी होता है क्योंकि आपने कहावत सुना होगा कि जब भी कीचड़ में आप पत्थर फेंके तो जीते जो होते हैं वह खुद के ऊपर ही आते अगर आपको दूसरे किसी को जो है आप शब्द सुनाएंगे आप शब्द की संज्ञा देंगे आदर सूचक शब्दों का प्रयोग नहीं करेंगे तो यह संभव नहीं है कि सामने वाला आपको आदर सूचक शब्दों का प्रयोग करके बुलाएगा ताली दोनों हाथों से बजती है एक हाथ से अगर आप ताली बजाने का कोशिश करेंगे तो असंभव वाली बात है जब दोनों हथेलियां जो है आपस में मिलेंगे दोनों हाथ सक्रिय होंगे तभी जो है तालियां बजेगी अन्यथा ताली नहीं भेजेंगे पोजीशन हमारी बात में हमारे व्यवहार में भी होता है कि जो चीजें हम एक दूसरे के साथ करते हैं फिर वही चीजें हमारे साथ जो है घटित होती हैं तो अगर आप के को आदर सूचक शब्दों का प्रयोग करना है या फिर आपको आदर पाना है तो पहले खुद में परिवर्तन कीजिए लोगों को आदर देना सीखिए उसके बाद आप देखिएगा कि आपको आदर्श होता ही प्राप्त होने लगेगा तो आशा है कि आप सभी को यह जवाब पसंद आया होगा धन्यवाद
आपका सवाल है कि दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है तो अच्छा बोलना दूसरों की मदद करना और माता-पिता बड़ों का आदर करना सम्मान करना ही संस्कार है हमें हर व्यक्ति के संस्कार मिलते हैं जो हमने हमसे बड़े हो चाहे वह दादा जी या दादी जी माता-पिता भाई-बहन या अन्य सभी हमें सही रास्ता दिखाते हैं और हमें भी उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए और दी गई बातों से सीख लेनी चाहिए कि लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए धन्यवाद
हेलो फ्रेंड स्वागत है आपका आपका प्रश्न है दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है फ्रेंड्स दूसरों का आदर करना इसलिए जरूरी है कि जब हम दूसरों का आदत करेंगे सभी लोग हमारा भी आदर करेंगे हम दूसरों को जैसा व्यवहार देंगे वैसा ही हमें भी मिलेगा तो दूसरों का आदर हमें करना चाहिए हम से छोटा हो बड़ा हो कोई हमें उसका आदर सम्मान जरूर करना चाहिए लोग हमें भी सम्मान की दृष्टि से देखेंगे धन्यवाद
उसने दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है इसका चार और आदर सम्मान के भाव से ही व्यक्ति के आचरण का पता लगाया जा सकता है बचपन से हमें सिखाया जाता है अपने से बड़ों का आदर करो अपने गुरुजनों का सम्मान करो यही सब शिक्षा शुरू से हमको दी जाती है और कभी कभी यही आदत सम्मान हमारे मन में बैठ जाता है जब हम को कोई व्यक्ति सम्मान नहीं देता तो वह बात हमको कसौटी है किसने हमसे नमस्ते भी नहीं किया हमारे पर भी नहीं छोड़े वह बात हमको काफी बुरी महसूस होती है इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि जो भी हमसे बड़े हैं उनको आदर सम्मान देना अत्यावश्यक है और अपने छोटे से प्यार से बोलना कि काफी जरूरी है तभी वह छोटे भी आपको आदर देने कुल मिलाकर कहने का मतलब यह है दूसरों को आदर सम्मान देने से कभी आदर सम्मान होगा और वह व्यक्ति आपके आदर सम्मान से काफी प्रभावित होगा धन्यवाद मित्र
पूछा क्या दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है देखे यदि आप आदर और सम्मान चाहते तो दिखे पहले आपको दूसरों का आदर और सम्मान करना होगा क्योंकि इस प्रकृति का नियम है कि आप इसे जो भी देते हैं वह उसे कई गुणा करके आपको वापस लौटा देता है फैसला देखे आपका होता है सम्मान चाहते हैं तो सम्मान दीजिए नफरत चाहते हैं तो नफरत दीजिए किसी ने गहन चिंतन और मनन के बाद कहा है कि जीवन एक अनुगूंज है जय हिंद जय भारत
कदर करना क्यों जरूरी है दोस्तों दूसरों का आदर इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि आपको भी दूसरे संभाल लेना है यदि आप किसी व्यक्ति का मजाक बनाएंगे और उसका अनादर करेंगे तो वह व्यक्ति आपका आदरणीय करेगा और यदि आप करते हैं तो आप मनुष्य हैं मनुष्य की तो यह कोई परवर्ती नहीं है इसी वजह से दोस्तों दूसरों का आदर करना चाहिए क्योंकि दूसरों से भी संभाल लेना है
आप हमारे कि दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है जब आप दूसरों को आदर सम्मान देंगे निश्चित तौर पर तभी आपको भी आदर सम्मान मिलेगा इसलिए बहुत जरूरी है जैसा आप दूसरों से अपने प्रति व्यवहार चाहते हैं वैसा ही व्यवहार आप दूसरों के साथ भी करें आपका दिन शुभ रहे थे निभाना
दूसरों का आदर करना क्यों जरूरी है दूसरों का आदर करना इसलिए जरूरी है क्योंकि हम हम अगर दूसरों को हैदर करेंगे तो दूसरे जो लोग हैं वह हमें आदर करेंगे हम अगर किसी को रिस्पेक्ट देंगे उनका आदर करेंगे उनका सम्मान करें कि तू ही बदले में हमें सम्मान आदर्श बाकी सब वापस मिलेगा तो हमेशा हमें दूसरों का आदर करना चाहिए क्योंकि जो हम देते हैं वही हमें मिलता है
Doosaron ka aadar karana kyon jarooree hai doosaron ka aadar karana isalie jarooree hai kyonki ham ham agar doosaron ko haidar karenge to doosare jo log hain vah hamen aadar karenge ham agar kisee ko rispekt denge unaka aadar karenge unaka sammaan karen ki too hee badale mein hamen sammaan aadarsh baakee sab vaapas milega to hamesha hamen doosaron ka aadar karana chaahie kyonki jo ham dete hain vahee hamen milata hai