रिजर्व बैंक द्वारा छोटे निवेशकों को सरकारी बांड खरीदने की इजाजत देने से क्या लाभ होगा सरकारी ब्रांड रहेगा तो निश्चित तौर पर जो छोटे निवेशक होंगे उनकी पूंजी डूबने का डर तो नहीं रहेगा वेलकम सरकार उनकी पूजा देख लीजिए कि छोटे छोटे निवेशकों का मान लीजिए आप 10000 20000 हो 50,000 को निवेश करते हैं अगले 4 साल के लिए 5 साल के लिए छोड़ दिया जाए तो वह कंपनी डिफाल्टर होती है तो उस बेचारे का तो खुद ही मर जाती खरीदने के लिए जाना और छोटे छोटे बांध देना और छोटे निवासियों को प्रमोट करने के चक्कर में जवाबदेही तय होगी सरकार की भी छोटे नहीं औरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और छोटे निवेशकों की संख्या बहुत ज्यादा है आप सोचते आप ध्यान दीजिए किस तरह से पश्चिम बंगाल छोटे निवेशकों को गरीब तबके लोगों का चिटफंड वाली कार्यशैली देखा है कितने लोगों के 2 जिले में डूब गई शारदा घोटाला शायद आपको याद होगा और आज भी वहां के लोगों से पीड़ित हैं जबकि सरकार चाहती तो उसको ठीक कर सकती महाराज में से प्रेरित होकर पर गरीब लोगों का हक हवाओं की तरह से जो छोटे-छोटे खंड के हैं और बहुत सारी कंपनी है याद करो इस पि के सी आई थी कैसी मदद करके गल्ले की गई इसके बाद और ऐसी कंपनियां है जो बेहतरीन रिजल्ट देख कर के और जब बहुत अच्छी पूरी हो गई तो छोटे निवेशकों को इस तरह का सरकारी ब्रांड देना इसको सही रजिस्ट्रेशन देना सीबी के द्वारा उसको सही दिशा देना