क्या मां से महान कोई नहीं है इस बात का उत्तर देने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाना चाहती हूं एक बार की बात है एक गांव में प्रसिद्ध स्वामी जी अपने शिष्यों के साथ कार्य से रोजाना अपनी अमृतवाणी में प्रवचन सुनाते थे एक दोपहर राजू नाम का एक लड़का उनके सामने उपस्थित हुआ उसने कहा मैं आपका शिष्य बनना चाहता हूं स्वामी जी ने उससे पूछा तो मेरे पीछे क्यों बनाते हो राजू बोला मैं अपनी मां के साथ रहता हूं मेरी मां लगभग रोज मुझे टूटती है यह मत करो बेरोजगार क्यों हो जाओ कुछ रोजगार ढूंढो हर रोज की डांट ही देखते से परेशान हो गया हूं तो मैंने सोचा कि मैं मां को छोड़ा हूं और आपका शिष्य बन जाऊं स्वामी जी ने कुछ सोचा फिर मुस्कुराए और बोले मेरा शिष्य बनने के लिए तुम्हें दो परीक्षा देनी होगी जो तुम्हारी परीक्षा कब से चालू होगी अभी काम करो दूसरे दिन सूर्योदय होते ही स्वामी जी ने अपने शिष्यों से एक कपड़े में कुछ पत्थर बाद में को कहा और उस पत्थर की पोटली को राजू के पेट पर बांध लिया और उसे ना खोलने का आदेश दिया स्वामी जी ने राज्यों से कहा इसी अवस्था में बाकी हिस्सों का हाथ बताओ स्वामी जी ने दिन भर दिन भर पत्थरों की पोटली बांधी राजू को काम करना चलना रचना इतना सब कुछ मुश्किल हो गया था कमर में भी दर्द हो रहा था स्वामी जी ने शाम को राजू की बोली अच्छा महसूस हो रहा था और स्वामी जी ने कहा कि तुम्हारी दूसरी परीक्षा अभी शुरु होती है तुम्हें किले बिस्तर पर सोना होगा राजू बिस्तर पर लेटा लेकिन यह क्या उसने देखा कि पूरा बिस्तर गिला है राजू ने सोचा यह तो बहुत ही कठिन परीक्षा है एक-दो दिन भर भजनों जाओ थक जाओ और उनसे गीले बिस्तर पर सो लेकिन कोई चारा भी नहीं था फिर से मिलना तो बहुत ही कठिन है इससे अच्छा तो मैं मां की डांट खा था मगर वह प्यार से खाना भी तो खिला दी थी और आराम से सुलाती थी फिर भी अभी बदन में दर्द हो रहा है तो मेरी मां दवा भी देती किसी तरह रात कटी सुबह स्वामीजी ने तुम ठीक तो हो ना राजू बोला पीले बिस्तर पर सो कर कौन ठीक रह सकता है स्वामी जी बोले तुम सिर्फ 1 घंटे वेट पर वजन उठा कर सकता लेकिन इतना तो पूरे 9 महीने अपने बच्चे को पेट में रखकर सारे काम करती है और कुछ भी रहती हैं सोचा है उसे कितना कष्ट होता है इतना ही नहीं असीम पीड़ा कर बच्चे को जन्म दे देती है उसके बाद जब तक क्या पूरी रात बिस्तर गिला करता है तो सूखे तरफ उसे सुलाती है और खुद गीले तरफ से होती है ऐसी महान कृति भला मांगे अलावा कौन है जिस मिट्टी में और तुम ऐसी मां को छोड़ा है राजू को अपनी गलती का एहसास हुआ है उसे समझ आया कि इस संसार में तीनों लोगों में माशा महान कोई नहीं है वह अपनी मां के पास वापस और उनके चरणों में गिर गया आज से मैं तुम्हारी सारी बात मान