Bhojpuri Film Bhojpuri Logon Ke Mastishk Aur Hindi Filmein Hindustan Ke Logon Ke Mastishk Aur Bollywood Filmein Paashchaaty Logon Ke Mastishk Ko Kaise Darshaati Hai Filmon Aur Samaaj Ka Kya Sambandh Hai
इस प्रश्न में पूछा जा रहा है कि हम फिल्मों के माध्यम से जो भी मस्ती को खींचे भोजपुरी हो हिंदी वह बॉलीवुड हो साउथ इंडियन जो भी हम इस फिल्म में प्रदर्शित करते हैं इसका क्या तात्पर्य है इसका तात्पर्य यह होता है कि हम समाज से रिलेटेड चीजें को ही दर्शाते हैं और जो हमारे समाज में कुछ ऐसी घटी चर्चित चीजें होती है उसी से रिलेटेड हम जो भी मूवी बनती है कहीं ना कहीं एक दूसरे को समाज से जोड़ देंगे और समाज में यह भी बताया जाता है कि हमें जागरूकता क्या मिलेगी तो हमारे ऐसी चीजें होती है जो हम फिल्म से बहुत सारी सीख लेते हैं बहुत सारे ऐसे नॉलेज हमें मिलती है कुछ लोग इसका गलत डायरेक्शन लेते हैं कुछ लोग इसमें जो गलत कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो उन्हें अपने हिसाब से समझ लेते हैं और वह कहीं ना कहीं वह गलत कर बैठे हैं लेकिन अगर जो भी फिल्में हैं चाहे किसी भी क्षेत्र की हो वह हमारे कहा जाए कि हमारे समाज से जुड़ी होती होती हैं कहीं ना कहीं से उस सीख मिलती है और हमें उसे मोटिवेशन भी मिलता है
भोजपुरी फिल्म भोजपुरी लोगों के लिए लोगों की मानसिकता हिंदी फिल्में हिंदुस्तान के लोगों की मस्जिद तो बड़ी ब्यूटीफुल में पश्चात लोगों की मस्जिद को दर्शाती है इसमें कोई दो राय नहीं भोजपुरी अर्थात बिहार से संबंधित बिहार में मैथिली है और भोजपुरी जो है यह हमारे मध्य प्रदेश से जुड़ी हुई है ऐसी स्थिति में अगर कोई फिल्में आती तो निश्चित रूप से अपनी भाषा की फिल्में सबको पसंद आती है पंजाबियों को पंजाबी फिल्में पसंद आती है मराठी में को मराठी फिल्म पसंद आती है इसी तरह हर भाषा बनी फिल्में पसंद है वह पसंद नहीं आती है उनके लिए लोकप्रिय हो चुकी फिल्में एडवांस लोगों के लिए जिसमें हिंदू मुस्लिम भी हैं धीमी गुजराती में जो है हमारे पास छात्रों से प्रभावित हैं और उनके मस्तिष्क भी उसी तरह का उचित प्रभावित होता है इसमें कोई दो राय नहीं है क्योंकि फिल्मों का भाषा से बहुत गहरा संबंध है और भाषा ही फिल्मों को फिल्मों की सफलता और असफलता का कारण बनती है हां कलाकारों की जो नायक और नायिका की अदा है जो उनका अभिनय में चार चांद लगा देते